वंचितों को कानूनी सहायता पहुंचाने के लिए किया जाएगा जागरूक
जिला विधिक सेवा प्राधिकार व्यवहार न्यायालय ने आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर कार्यशाला सह जागरूकता सेमिनार का आयोजन गुरुवार को किया गया।
पूर्णिया। जिला विधिक सेवा प्राधिकार व्यवहार न्यायालय ने आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर कार्यशाला सह जागरूकता सेमिनार का आयोजन गुरुवार को किया गया। यह कार्यशाला 14 नवंबर तक अनुमंडल एवं प्रखंड स्तर पर भी आयोजित किया जाएगा। इस क्रम में गुरुवार को विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अपर जिला जज धीरज कुमार भास्कर ने महिला पर्यवेक्षिकाओं के साथ बैठक भी की। इस मौके पर प्राधिकार से जरूरतमंदों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। महिला पर्यवेक्षिका अपने अधीनस्थ सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्राधिकार के बारे में प्रशिक्षण देगी। सेविका को गांव में सभी लोगों को जागरूक करेंगी। विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव ने बताया कि जरूरतमंद व्यक्ति प्राधिकार से निशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते हैं। कोर्ट के सारे खर्चे का वहन, प्रक्रिया फीस और अन्य सभी खर्च प्राधिकार स्वयं उठाती है। समिति के पास आवेदन देकर मांग सकते हैं सहायता
विधिक कार्रवाई में आदेश की प्रमाणित प्रति और अन्य दस्तावेज प्राप्त कर सकते हैं। परामर्श प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को जिला प्राधिकार या अनुमंडल विधिक सेवा समिति के समक्ष प्रपत्र में आवेदन भरकर उचित सहायता की मांग करना होगा। विधिक सेवा सहायता आवेदन के साथ एक शपथ पत्र दाखिल करना होगा। बिहार के हर निवासी विधिक सेवा प्राधिकार प्राप्त करने के अधिकारी हैं। अगर उस व्यक्ति की वार्षिक आय डेढ़ लाख रुपये से अधिक न हो। वह महिला 18 वर्ष से कम आयु की बच्ची हो या 16 वर्ष से कम आयु का बच्चा हो वह सहायता प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा अगर व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार या अपंग हो तो वह किसी तरह के अभिरक्षा में या मनो चिकित्सक व परिचर्चा गृह में हो वह सहायता प्राप्त कर सकता है। तेजाब हमले में घायल को मिलेगा तीन से सात लाख रुपये
प्राधिकार के सचिव ने बताया कि बिहार पीड़ित प्रतिकर स्कीम प्राधिकार से प्राप्त की जा सकती है। बताया कि तेजाब हमला में चेहरे का विकृत होने पर तीन लाख से सात लाख रुपया, पचास प्रतिशत से अधिक दुर्घटना होने पर 50 फीसद से कम जख्म में तीन लाख से पांच लाख रुपया का प्रावधान है। बलात्कार में पीड़ित अल्पसंख्यक या शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांग हो तो तीन लाख से सात लाख रुपया का प्रावधान है। अन्य मामलों में तीन लाख से पांच लाख रुपया का प्रावधान है। यौन हमला, बलात्कार को छोड़कर पचास हजार से एक लाख रुपये, भ्रूण हानि में पचास से एक लाख, प्रजनन क्षमता की हानि पर डेढ़ लाख से दो लाख रुपये देने का प्रावधान है। पीड़ित की आयु 14 वर्ष से कम हो तो उपर्युक्त प्रतिकर राशि में 50 फीसद की वृद्धि की जाएगी। तेजाब हमले में पीड़ित अंधी अथवा विकलांग हो तो खास अवधि तक प्रतिमाह दस हजार रुपये तक दिया जा सकता है। 1226 गांव व शहर में चल रहा जागरूकता शिविर
सचिव ने बताया कि जिले के 1226 गांव और शहर के वार्डों में विधिक जागरूकता शिविर चलाया जा रहा है। अब तक 630 गांवों में यह शिविर का आयोजन संपन्न हो गया है। प्राधिकार के सचिव ने बताया कि प्राधिकार के 45 पैनल अधिवक्ता और 100 पारा विधिक स्वयं सेवक, एनजीओ ला स्टुडेंट्स इस कार्य में लगे हुए हैं। शुक्रवार को पारा विधिक स्वयं सेवक से भवानीपुर और बीकोठी के सभी पंचायतों में भ्रमण कर लोगों को विधिक जानकारी और प्राधिकार के कार्यों के बारे में बताएंगे।