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बाल्य काल से ही मेधावी रहे हैं आशीष

पूर्णिया। शहर के महबूब खां टोला निवासी सह आयकर विभाग के अधिवक्ता सुशील कुमार मिश्रा व ज्य

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 09:38 PM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 09:38 PM (IST)
बाल्य काल से ही मेधावी रहे हैं आशीष
बाल्य काल से ही मेधावी रहे हैं आशीष

पूर्णिया। शहर के महबूब खां टोला निवासी सह आयकर विभाग के अधिवक्ता सुशील कुमार मिश्रा व ज्योति मिश्रा के पुत्र आशीष कुमार मिश्रा ने यूपीएससी में 52 वां रैंक प्राप्त किया है।

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बाल्यकाल से मेधावी रहे आशीष की आरंभिक शिक्षा डान बास्को स्कूल से हुई। मैट्रिक तक की शिक्षा उन्होंने ब्राइट कैरियर स्कूल से व इंटर मिलिया कान्वेंट से की। इसके बाद वे आइआइटी की परीक्षा में बैठे और वर्ष 2014 में बीएचयू से आइआइटी किया। आइआइटी करने के बाद से ही यूपीएससी को अपना लक्ष्य बनाया और दूसरे प्रयास में ही 52वां रैंक प्राप्त करने में सफल रहे। आशीष कुमार मिश्रा का मूल निवासी छपरा जिले कोरैंया गांव है, लेकिन पांच दशक से ही अधिक समय से उनका परिवार पूर्णिया में रह रहा है। उनके दादा स्व. राजदेव मिश्रा पूर्णिया में ही डीएससी आफिस में कार्यरत थे, जबकि दादी स्व. चंदा देवी गृहिणी थीं। उनकी मां ज्योति मिश्रा भी गृहिणी हैं। आशीष कुमार मिश्रा दो भाई व तीन बहन हैं। उनके भाई अनंत कुमार ने भी आइआइटी किया है। दोनों भाई ने एक साथ आइआइटी की परीक्षा पास की थी। उनकी तीन बहन अन्नू श्रिया, चांदनी मिश्र व नेहा कुमारी मिश्र हैं।

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गरीबी से न घबराएं, सकारात्मक सोच दिलाएगी मंजिल : आशीष

पूर्णिया : यूपीएसपी की परीक्षा में 52वां रैंक प्राप्त करने वाले आशीष कुमार मिश्रा ने कहा कि आर्थिक लाचारी से कभी भी किसी छात्र या छात्रा को घबराना नहीं चाहिए। गरीबी कभी भी मंजिल पाने में बाधक नहीं होती है। दृढ़ निश्चय, सकारात्मक सोच, एकाग्रता व समर्पण का सूत्र हर सपने को साकार करने के लिए काफी है। आशीष ने कहा कि अब तक के सफर में उन्होंने वह दिन भी देखा है जब वे आइआइटी की तैयारी के लिए कोटा नहीं जा सके। पिताजी की आर्थिक स्थिति को देखते उन्होंने पटना में रहकर आइआइटी निकालने का संकल्प लिया और उसे पूरा भी किया। इसके अलावा उन्होंने कभी अपने में भटकाव नहीं आने दिया। उन्होंने बताया कि झारखंड कैडर के आइएएस मनीष कुमार, पूर्व डीजीपी अभयानंद व उनके चाचा अभय कुमार मिश्र के साथ-साथ उनके माता-पिता उनके आदर्श रहे हैं।


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