क्वारंटाइन कैंप से निकले 30 हजार से अधिक प्रवासी, छह हजार को मिला जॉब कार्ड
पूर्णिया। दूसरे प्रदेशों से मजदूरों के आने का सिलसिला अभी जारी है। रोजाना ट्रेन और बस से प
पूर्णिया। दूसरे प्रदेशों से मजदूरों के आने का सिलसिला अभी जारी है। रोजाना ट्रेन और बस से प्रवासियों का जत्था यहां पहुंच रहा है जिन्हें क्वारंटाइन कैंप में 14 दिनों तक रखने के बाद उन्हें घर भेजा जा रहा है। अभी तक 30,323 से अधिक प्रवासी कैंप से अपने घर लौट चुके हैं। जिला प्रशासन का दावा है कि सभी इच्छुक प्रवासियों को जिला में ही काम उपलब्ध कराया जाएगा। प्रशासन द्वारा अभी तक 6 हजार प्रवासियों को जॉब कार्ड भी उपलब्ध कराया गया है। जिनमें लगभग तीन हजार को मनरेगा, जल जीवन हरियाली एवं अन्य योजनाओं में काम उपलब्ध कराया जा रहा है। लेकिन अभी भी काफी मजदूरों को काम की तलाश है।
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तीन हजार प्रवासियों को मिला है रोजगार
काफी मशक्कत के बाद अपने घरों को लौटे मजदूरों के समक्ष रोजगार की सबसे विकट समस्या है।यहां काम नहीं मिलने के कारण ही वे दूसरे शहरों का रूख किए थे। लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की वजह से वहां भी उनका रोजगार छिन गया। ऐसे में उनके समक्ष अपने घर लौटने के सिवा कोई दूसरा उपाय नहीं था। अब घर आकर उनके समक्ष एक बार फिर वही समस्या सामने है। हालांकि सरकार ने उन सब को यहां उनके स्किल के अनुसार काम उपलब्ध कराने को कहा है। प्रशासन इसके लिए कवायद भी कर रहा है। उन्हें जॉब कार्ड दिया जा रहा है लेकिन अभी तक सिर्फ तीन हजार प्रवासियों को ही काम उपलब्ध हो पाया है।
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जिले में लौट चुके हैं 51 हजार प्रवासी
जिले में 441 क्वारंटाइन कैंप कार्यरत है जिनमें अब तक 51,020 प्रवासी दूसरे प्रदेशों से आ चुके हैं। हालांकि पहले की तुलना में अब कैंपों में कम प्रवासियों को रखा जा रहा है। सरकार ने सिर्फ दिल्ली, मुंबई, सूरत सहित नौ शहरों से आए प्रवासियों को ही अब कैंप में रखने का निर्देश दिया है। अन्य जगहों से आए प्रवासियों को स्वास्थ्य जांच के बाद उन्हें होम क्वारंटाइन में भेजा जा रहा है। बावजूद कैंप में 24 मई तक 51 हजार से अधिक मजदूर रजिस्टर्ड थे। उनमें सबसे अधिक मजदूर बायसी अनुमंडल क्षेत्र के हैं। वहां 219 क्वारंटाइन कैंप कार्यरत हैं जहां 19,327 प्रवासियों को रखा गया है। जबकि धमदाहा अनुमंडल के 133 कैंप में 14975 प्रवासी हैं। वहीं पूर्णिया सदर के 89 कैंप में 12214 और बनमनखी के 60 कैंप में 5506 प्रवासी रह रहे हैं। उन सभी को 14 दिनों की अवधि पूर्ण होने पर होम क्वारंटाइन के लिए भेजा जाएगा। अभी तक 30323 मजदूरों को क्वारंटाइन कैंप से छोड़ा गया है जिनमें तीन हजार को काम मिला है तथा शेष को रोजगार का इंतजार है।
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क्वारंटाइन कैंप की अवधि पूरी करने वाले शत-प्रतिशत इच्छुक मजदूरों को जॉब कार्ड बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अभी तक 6 हजार से अधिक प्रवासियों का जॉब कार्ड बनाया जा चुका है। यह प्रक्रिया जारी है। साथ ही कैंप से निकलने के बाद उन्हें काम भी प्रोवाइड कराया जा रहा है। करीब तीन हजार मजदूरों को विभिन्न योजनाओं में रोजगार दिया गया है।
मनोज कुमार, उप विकास आयुक्त, पूर्णिया