Move to Jagran APP

सम्मान की जिदगी जीएंगे भिखारी, करेंगे स्वरोजगार

पूर्णिया। सड़क पर भीख मांगने वाले भिखारी अब अपना रोजगार कर जीविकोपार्जन कर सम्मान की जिदगी

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 06:23 PM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 06:23 PM (IST)
सम्मान की जिदगी जीएंगे भिखारी, करेंगे स्वरोजगार
सम्मान की जिदगी जीएंगे भिखारी, करेंगे स्वरोजगार

पूर्णिया। सड़क पर भीख मांगने वाले भिखारी अब अपना रोजगार कर जीविकोपार्जन कर सम्मान की जिदगी जी सकेंगे। सरकार उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सर्वेक्षण कराने का निर्देश दिया है। सामाजिक सुरक्षा कोषांग के संयुक्त सचिव ने इस संबंध में जिलाधिकारी को पत्र भेजा है। जिला समाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक अमरेश कुमार ने बताया कि विभागीय निर्देश के आलोक में सर्वेयर टीम गठित कर नगर क्षेत्र में महिला एवं पुरूष भिक्षुओं का सर्वेक्षण शुरू कर दिया गया है। इस माह के अंत तक इसकी रिपोर्ट विभाग को भेज दी जाएगी।

loksabha election banner

========

भिक्षुओं का 30 सितंबर तक चलेगा सर्वेक्षण

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 2012-13 से ही भिखारियों के हित के लिए राज्य में मुख्यमंत्री भिक्षावृति निवारण योजना लागू की गई है। योजना को लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने स्टेट सोसायटी फार अल्ट्रा पुअर एंड सोशल वेलफेयर (सक्षम) को नोडल एजेंसी बनाया है। जिले में यह योजना सामाजिक सुरक्षा कोषांग द्वारा संचालित है। अब सरकार ने उन भिक्षुओं को स्वरोजगार से जोड़ने की योजना बनाई है। इसके लिए सामाजिक सुरक्षा कोषांग के संयुक्त सचिव ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर 30 सितंबर तक नगर क्षेत्र के शत-प्रतिशत भिक्षुओं का सर्वेक्षण कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। इसके लिए जिले में सर्वेयर टीम का गठन किया गय है। टीम में आउट रिच वर्कर (ओआरडब्ल्यू) के फागु कुमार विश्वास एवं पवन कुमार शामिल हैं। यह टीम रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मंदिर, मस्जिद आदि में भिक्षाटन कर रहे लोगों का सर्वे करेगी। सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक अमरेश कुमार ने बताया कि टीम एक सितंबर से सर्वे का काम कर रही है। यह टीम 30 सितंबर तक अपना रिपोर्ट सौंपेगी।

=========

जिले में संचालित हैं सेवा और शांति कुटीर

मुख्यमंत्री भिक्षावृति निवारण योजना के तहत जिले में सेवा कुटीर और शांति कुटीर संचालित हैं। सेवा कुटीर में पुरूष भिक्षुओं और शांति कुटीर में महिला भिक्षुओं को रखे जाने की व्यवस्था है। जिले में सेवा कुटीर अभी प्रारंभिक अवस्था में है। शांति कुटीर में 100 महिला भिक्षुओं को रखने की व्यवस्था है। उन्हें रहने, खाने, इलाज एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। शांति कुटीर संचालन का खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है। चल रहे सर्वेक्षण में चिन्हित भिक्षुओं को कुटीर में रखा जाएगा एवं उन्हें सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।

========

स्वरोजगार के लिए दिया जाएगा प्रशिक्षण

जिले में एक सितंबर से नगर क्षेत्र में भिक्षुओं का सर्वेक्षण किया जा रहा है। सर्वेक्षण बाद चिन्हित भिक्षुओं को शांति एवं सेवा कुटीर में लाया जाएगा जहां उनका पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी। बीमार भिक्षुओं को इलाजा कराया जाएगा। साथ ही 18 से 35 वर्ष आयु के भिक्षुओं को कौशल उन्नयन से जोड़ा जाएगा। कौशल कुटीर के माध्यम से युवा भिक्षुओं को प्रशिक्षित कर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा ताकि वे अपने पैरों पर खड़ा हो सकें ओर समाज में सम्मान की जिदगी जी सकें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.