शराब तस्करों का ट्रांजिट प्वांइट बना पूर्णिया
पूर्णिया। उत्पाद अधिनियम के सख्त कानून के बाद भी शराब तस्करी का धंधा चोखा बना हुआ है। शरा
पूर्णिया। उत्पाद अधिनियम के सख्त कानून के बाद भी शराब तस्करी का धंधा चोखा बना हुआ है। शराब तस्कर नेपाल और बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्र सीमांचल के पूर्णिया को ट्रांजिट प्वाईंट बना रखा है। तस्कर पूर्णिया में शराब की खेप मंगाकर आसपास के अन्य जिलों में शराब सप्लाई करते हैं। तस्करी के इस खेल में बड़े-बड़े शराब माफिया पर्दे के पीछे बैठकर इसे हवा दे रहे हैं। शराब माफिया शराब तस्करी के लिए ट्रक चालक, हॉकर आदि का इस्तेमाल करते हैं। पुलिस के हत्थे भी ये प्यादा ही चढ़ रहे हैं, जबकि उनके आका तक पुलिस नहीं पहुंच पाती है। ऐसे में सीमावर्ती क्षेत्र में शराब तस्करी का खेल बदस्तूर जारी रहता है।
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दो दिनों में पकड़ाए दो हजार लीटर विदेशी शराब
नए साल के जश्न को लेकर शराब की बढ़ती मांग को देख शराब तस्कर शराब स्टॉक करने की तैयारी में जुट गये हैं। इसका फायदा उठाने के लिए तस्कर नकली शराब की खेप मंगा रहे है। शराब तस्कर बंगाल निर्मित शराब के अलावा कम कीमत पर पंजाब और हरियाणा निर्मित शराब की नकली खेप मंगा रहे हैं।
बायसी थाना पुलिस ने बुधवार की रात दालकोला समेकित जांच केंद्र पर बंगाल से पूर्णिया आ रहे शराब लदे ट्रक को पकड़ा। ट्रक में सड़े सेब के नीचे कार्टून में बंद 3,144 बोतल कुल 1,190 लीटर विदेशी शराब थी। शराब बंगाल से आ रही थी और उसपर पंजाब निर्मित लेबल लगा था। उसके दूसरे ही दिन गुरुवार की दोपहर सदर थाना पुलिस ने जीरोमाइल के पास एक बंगाल से पीकअप वैन पर आलू बोरी के नीचे छिपाकर लाए जा रहे 2039 बोतल में 800 लीटर शराब बरामद किया है। यह शराब बंगाल से आ रही थी और इस पर हरियाणा निर्मित लेबल लगा था। शराब की दोनों खेप बंगाल में किसने भेजा और कौन डिलेवरी लेता इसका पता पुलिस अब तक नहीं लगा पाई है। ताकि शराब तस्करी के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके।
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कार्रवाई बाद भी नहीं थम रहा कारोबार
शराब तस्करों पर पुलिसिया कार्रवाई बाद भी शराब तस्करी का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। पुलिस द्वारा शराब तस्करी के मुख्य सरगना तक पहुंचकर पूरे नेटवर्क को ध्वस्त का नतीजा है कि शराब कारोबार पर विराम नहीं लग रहा है। बंगाल से सटे पूर्णिया के सीमावर्ती थाना क्षेत्र में रोजना शराब की खेप पुलिस पकड़कर कार्रवाई कर रही है। फिर भी तस्कर कभी ट्रक में सेब के नीचे, आलू बोरी के नीचे, अनानास कार्टून के नीचे, बालू, गिट्टी, मिट्टी के नीचे, कैश वैन में, एंबुलेंस में, विभिन्न वाहनों में गुप्त सांचा बनाकर शराब तस्करी कर धंधा संचालित कर रहे है।