विभाग ने एकबार फिर शुरू की अवैध लैब की जांच
पूर्णिया। स्वास्थ विभाग और मानकविहीन लैब के बीच चूहे-बिल्ली का खेल फिर शुरू हो गया है। सिविल सर्ज
पूर्णिया। स्वास्थ विभाग और मानकविहीन लैब के बीच चूहे-बिल्ली का खेल फिर शुरू हो गया है। सिविल सर्जन डॉ. मधुसूदन प्रसाद ने तीन माह पूर्व जांच कर चुके पांच डॉक्टरों को एकबार फिर जांच करने का निर्देश दिया है। बुधवार को पांच डॉक्टर अलग-अलग लैब में जांच के लिए पहुंचे और कागजात की जांच की।
गौरतलब है कि पिछले बार तीन माह पूर्व भी यही चिकित्सकों ने जांच कर 57 लैब को मानक के अनुरुप नहीं पाया था। उस दौरान एक सप्ताह के जांच में 113 लैब की जांच हुई थी। इसमें 57 लैब को विभाग पत्र जारी कर मानकविहीन और नियमों के पालन नहीं करने का हवाला देते हुए बंद करने का आदेश दिया है। अगस्त में वैध लैब की संख्या 92 थी जो अब पहुंचकर 113 हो गई है। इस बार भी टीम ने कागजात की जांच शुरू कर दी है। इस टीम में डॉ.राजेंद्र मंडल, डॉ.सुरेंद्र दास, डॉ.मो.शब्बीर, डॉ.पीके झा, डॉ.विष्णु अग्रवाल हैं। पांच डॉ. की टीम जांचा एक-एक लैब पांच चिकित्सकों की टीम ने एक-एक लैब में पहुंच कर कागजात की जांच की। इस बार लैब के साथ गैर निबंधित नर्सिग होम को जांच के दायरे में रखा गया है। साथ ही एक्सरे सेटरों की भी जांच होगी। विभाग की यह कवायद काफी पुरानी है। हमेशा से सालाना रस्म अदायगी की जाती है। इसमें कुछ नये लैब का निबंधन कर लिया जाता है और एक-दो पत्र जारी कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। अवैध लैब को वैध लैब बनाने की कवायद शुरू इस बार भी अवैध लैब को वैध लैब बनाने की कवायद शुरू हो गई है। मानकविहीन लैब जो पिछली बार चिह्नित किए गए थे उस पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। विभाग द्वारा जारी पत्रों की खुले आम खिल्ली उड़ाई जा रही है लेकिन विभाग चुप्पी साधे है। उसके बाद अबतक कोई रिमांइडर या एफआइआर करने की प्रक्रिया नहीं शुरू की गई है। ऐसे गैरकानूनी लैब के प्रति विभाग मूकदर्शक बना हुआ है। इसी उदासीन रवैया का सबब है कि नाक के नीचे गैरकानूनी लैब का संचालन खुले आम होता है। इस बार फिर वैसी एक कवायद शुरू हो गई है। प्रभारी सिविल सर्जन डॉ.सुभाष चंद्र पासवान ने जांच की जानकारी के संबंध में इंकार किया।