सब्जी की बढ़ी कीमतों ने लोगों के घरेलू बजट को बिगाड़ा
पूर्णिया। बरसात और बाढ़ की मार ने लोगों के घरेलू बजट के साथ स्वाद को भी बिगाड़कर रख दिया
पूर्णिया। बरसात और बाढ़ की मार ने लोगों के घरेलू बजट के साथ स्वाद को भी बिगाड़कर रख दिया है। एक माह से हरी सब्जी की बढ़ी कीमत से लोगों के थाली से हरी सब्जी लगभग गायब हो चुकी है। बाढ़ में सब्जी की खेती खराब होने के कारण सप्लाई कम होने से कीमत बढ़ गई है। वहीं ऊंची कीमत पर सब्जी खरीदने से लोग कतरा रहे हैं। बाजार जाने वाले लोग सब्जी की कीमत सुनकर हैरत में पड़ जा रहे हैं। इससे लोगों कीजेब पर सब्जी के बजट का बोझ बढ़ गया है। लगभग सभी सब्जी 50 रुपये किलो बिक रहा है। लोग अगर खरीद भी रहे हैं तो किलो की जगह सिर्फ आधा किलो और पाव भर की खरीदारी कर रहे हैं। वहीं सब्जी की ऊंची कीमत सुनकर मध्यम एवं निम्न वर्ग के लोग वहन करने में असमर्थ रहते हैं और बिना खरीदे घर लौटना पड़ता है। भट्ठा बाजार सब्जी मंडी सब्जी खरीदने पहुंचे महबूब खान टोला के गृहणी रौशन आरा ने बताया बाजार में कोई भी सब्जी की कीमत खरीदने लायक नहीं है। पहले जो सब्जी 20-30 रुपये किलो बिक रहा था आज 50-60 रुपये किलो बिक रहा है। सप्ताह में कम कीमत वाला कोई हरी सब्जी खरीदकर ले जाते हैं। बाड़ी हाट के कुमोद सिंह ने बताया कि सब्जी इतनी महंगी हो गई है कि खरीदना मुश्किल हो गया है। पहले प्रतिदिन हरी सब्जी खरीदकर खाते थे अब पहले के अपेक्षा कम हो चुका है।
सब्जी की कीमत::
सब्जी रुपये प्रति किलो
फूलगोभी 50
बंद गोभी 40
भिंडी 50
परवल 50
करेला 50
टमाटर 60
खीरा 50
बैगन 60