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एप से होगी कोढ़ा-रौतारा गैंग की निगरानी

- राज्य अपराध अनुसंधान विभाग के एडीजी ने पूर्णिया प्रमंडल के सभी जिलों के एसपी से मांगी रिपोर्ट

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 11:56 PM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 11:56 PM (IST)
एप से होगी कोढ़ा-रौतारा गैंग की निगरानी
एप से होगी कोढ़ा-रौतारा गैंग की निगरानी

- राज्य अपराध अनुसंधान विभाग के एडीजी ने पूर्णिया प्रमंडल के सभी जिलों के एसपी से मांगी रिपोर्ट

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- बिहार के अलावा देश के कई अन्य राज्यों में सक्रिय है गिरोह

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राजीव कुमार, पूर्णिया।

बिहार समेत देश के अन्य राज्यों में उत्पात मचाने वाले कोढ़ा-रौतारा गैंग की निगरानी अब एप के माध्यम से की जाएगी। राज्य पुलिस मुख्यालय इस एप को बनवाने की तैयारी में है। इसपर गैंग के सभी सक्रिय सदस्यों की पूरी जानकारी तस्वीर के साथ उपलब्ध रहेगी।

एप के लिए जानकारी जुटाने के संबंध में राज्य के अपराध अनुसंधान विभाग ने पूर्णिया प्रमंडल के चारों जिलों पूर्णिया, कटिहार, अररिया एवं किशनगंज के पुलिस अधीक्षकों से गैंग के बारे में जानकारी मांगी है। इसमें गैंग के आपराधिक कारनामों के साथ इनके गुर्गो का कच्चा चिट्ठा भी उपलब्ध होगा। हर जिले के एसपी को एक पखवारे के अंदर पूरी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया है। कोढ़ा-रौतारा गैंग का खौफ सीमाचल से शुरू हुआ। फिर यह बिहार के साथ-साथ देश के अन्य इलाकों में भी सक्रिय हो गया। इस गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी सीमांचल के जिलों के अलावा झारखंड के बोकारो, रांची, राजस्थान के जयपुर, पुणे, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश के कई जिलों से हो चुकी है। सीमांचल में पुलिस की बढ़ते दबिश के कारण गिरोह के सदस्य दूसरे जिले व राज्यों में सक्रिय हो रहे हैं। गैंग के सदस्य वाहनों से राशि उड़ाने के अलावा बैंक से पैसे की निकासी करने वाले ग्राहकों को निशाना बनाती है। गिरोह के सदस्य बैंक से ही ग्राहकों की रेकी करते हैं। :- गिरोह में हैं लगभग 500 अपराधी : कोढ़ा के जिराबगंज एवं रौतारा के इस गिरोह में लगभग 500 सदस्य हैं। इनमें से अधिकांश किसी ना किसी मामले में जेल की हवा खा चुके हैं। इन दोनों स्थानों पर अक्सर पुलिसिया दबिश पड़ती रहती है। गिरोह में ये अलग और गांव में अलग नाम से जाने जाते हैं, ताकि पुलिस से इनकी पहचान छिपी रहे। चिंताजनक बात यह है कि ये बच्चों को भी चोरी-छिनतई आदि का प्रशिक्षण देते हैं। यह गिरोह जिस शहर को अपना निशाना बनाता है, वहां इसके सदस्य पहले छात्र के रूप में कमरा लेते हैं। इसके बाद यहीं से गिरोह का संचालन किया जाता है। सीमांचल के जिलों में इस गिरोह के खिलाफ पांच वर्षो में 350 मामले पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार एवं अररिया के थानों में दर्ज हैं। कोढ़ा-रौतारा गैंग के सदस्यों का डिजिटल एप बन जाने के बाद इस गिरोह के सदस्यों के बारे में तस्वीर सहित पूरी जानकारी पलक झपकते ही मिल जाएगी। इसमें गिरोह के सदस्य का नाम, पता, परिवार के सदस्यों का पूरा ब्यौरा, जेल जाने के बाद इनके जमानतदार से लेकर हर तरह की जानकारी उपलब्ध रहेगी।

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कोढ़ा-रौतारा गैंग का राज्य पुलिस मुख्यालय डिजिटल एप बनाएगा। इसके बाद एक क्लिक में इस गिरोह के बारे में देश के किसी भी इलाके की पुलिस को गैंग के सदस्यों व इसके अपराध करने के तरीके के बारे में पता चल जाएगा।

- विनय कुमार

एडीजी, अपराध अनुसंधान विभाग


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