Move to Jagran APP

निबंधन की नई नियमावली से दो दिनों में एक करोड़ राजस्व की चपत

पूर्णिया। जमाबंदी बाद भूमि निबंधन की सरकार की अधिसूचना का अनुपालन जिले में शुरू कर दिया

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Oct 2019 10:59 PM (IST)Updated: Fri, 11 Oct 2019 10:59 PM (IST)
निबंधन की नई नियमावली से दो दिनों में एक करोड़ राजस्व की चपत
निबंधन की नई नियमावली से दो दिनों में एक करोड़ राजस्व की चपत

पूर्णिया। जमाबंदी बाद भूमि निबंधन की सरकार की अधिसूचना का अनुपालन जिले में शुरू कर दिया गया है। लेकिन सरकार की नई नियमावली से जिले में भूमि निबंधन की रफ्तार धीमी पड़ गई है। दो दिनों में ही करीब एक करोड़ के राजस्व की चपत लग गई है। पिछले दो दिनों में जिले में सिर्फ 19 भूखंड का निबंधन हो पाया है जबकि औसतन प्रतिदिन 100-125 रजिस्ट्री होती थी। शुरुआती दौर में कई तकनीकी अड़चनें आ रही हैं जिस कारण लोगों को रजिस्ट्री में परेशानी आ रही है।

loksabha election banner

पहले दिन हुई सिर्फ चार रजिस्ट्री

बिहार सरकार की नई नियमावली से भूमि निबंधन में कई अड़चनें आ रही हैं। नई अधिसूचना के अनुसार निबंधन के लिए भूमि का ऑनलाइन जमाबंदी होना जरूरी है। जमाबंदी का रिकार्ड राजस्व विभाग की साइट पर अवश्य उपलब्ध रहना चाहिए साथ ही उसका मिलान निबंधन कार्यालय में मौजूद रिकार्ड से होना चाहिए तभी निबंधन की अनुमति रजिस्ट्रार देंगे। लेकिन विभागीय तालमेल में कमी एवं त्रुटि के कारण रजिस्ट्री में कठिनाई आ रही है।

कई जमाबंदी का रिकार्ड राजस्व विभाग की साइट पर उपलब्ध रहने के बाद भी निबंधन कार्यालय की साइट से मिलान नहीं हो पा रहा है। इस वजह से जमाबंदी बाद भी काफी भू धारकों का निबंधन नहीं हो पा रहा है। दूसरे दिन शुक्रवार को भी निबंधन कार्यालय पूर्णिया में कई जमाबंदी वाले भूधारकों की भूमि का भी निबंधन नहीं हो पाया। जबकि अधिसूचना जारी होने के बाद पहले दिन गुरुवार को सिर्फ चार निबंधन ही हो पाए थे।

प्रभावित हो सकता है राजस्व का वार्षिक लक्ष्य

नई नियमावली से रजिस्ट्री में काफी कमी आई है। इस कारण सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है। गत सितंबर में जिले में भूमि निबंधन से 16 करोड़ 51 लाख 26 हजार रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई थी लो लक्ष्य का 150.94 फीसद है। यानी औसतन प्रतिदिन निबंधन से जिले को 55 लाख की राजस्व प्राप्ति हो रही है। इस तरह यदि पिछले दो दिनों के राजस्व नुकसान का आकलन करें तो यह करीब एक करोड़ के आसपास जाता है। ऐसे में वार्षिक लक्ष्य एक अरब 44 करोड़ 11 लाख की राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य प्रभावित हो सकता है।

दो दिनों में अटकी दर्जनों भूमि धारकों की रजिस्ट्री

बिहार सरकार का नोटिफिकेशन 10 अक्टूबर से लागू हुआ है। इसके बाद दो दिनों में दर्जनों भूमि धारकों को बिना निबंधन वापस लौटना पड़ा। जिला निबंधन कार्यालय में शुक्रवार को निबंधन के लिए पहुंचे धमदाहा के विक्रम कुमार, महेंद्र झा, केनगर के प्रीतम कुमार ने बताया कि उनकी जमीन की जमाबंदी हुई है। उसका ऑनलाइन रिकार्ड राजस्व विभाग की साइट पर भी है। लेकिन निबंधन कार्यालय में मौजूद कंप्यूटर में उसका रिकार्ड मिलान नहीं खा रहा है जिस कारण उनका निबंधन नहीं हो पाया। दो दिनों में ऐसे दर्जनों मामले पेंडिंग है जिनके पास आवश्यक दस्तावेज के बावजूद उनके जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। ऐसे में विभागीय त्रुटि के कारण लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.