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पोलियो सप्ताह में सात लाख बच्चों तक पहुंचने का लक्ष्य

पूर्णिया पोलियो सप्ताह की शुरुआत रविवार से की जा रही है। इसको लेकर सदर अस्पताल के एएनएम स्कूल

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 11:38 PM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 11:38 PM (IST)
पोलियो सप्ताह में सात लाख बच्चों तक पहुंचने का लक्ष्य
पोलियो सप्ताह में सात लाख बच्चों तक पहुंचने का लक्ष्य

पूर्णिया : पोलियो सप्ताह की शुरुआत रविवार से की जा रही है। इसको लेकर सदर अस्पताल के एएनएम स्कूल में बुधवार को बैठक हुई। बैठक में नए सिविल सर्जन डॉ मधुसूदन प्रसाद, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी वीर कुवंर सिंह, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ सुभाष चंद्र पासवान, जिला स्वास्थ्य समिति के अधिकारी और जिले सभी स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी और स्वास्थ्य प्रबंधक मौजूद थे। बैठक में पोलियो की खुराक पिलाने को कार्ययोजना पर चर्चा की गई है। 7 से शुरू होने वाले इस अभियान में पांच साल तक के 7 लाख से अधिक बच्चों को प्लस पोलियो की खुराक दी जाएगी। छूटे हुए बच्चे को पोलियो की खुराक पिलाने के लिए सुरक्षित दिवस भी रखा गया है। इसके लिए विभाग ने टीम गठित कर दी है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों में दवा दी जाएगी। इसके लिए घर-घर अभियान की संक्या 1600 है। ट्रांजिट टीम की संख्या 160 है। मोबाइल टीम की संख्या 55 और वन मैन टीम की संख्या 15 है। सब डिपो की संख्या 123 जबकि 590 सुपरवाइजर की नियुक्ति की गई है। दरअसल पोलियो का देश से उन्मूलन हो चुका है लेकिन आसपास के देशों में यह अभी भी मौजूद है इसलिए नियमित पोलियो अभियान चला कर बच्चों की दवा की खुराक दी जाती है। सभी बच्चों को यह पोलियो ड्रॉप की खुराक पिलाना जरूरी है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने कहा कि एक भी बच्चा नहीं छूटे इसका लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने सभी माता-पिता भी अपने बच्चे को दवा की खुराक जरूर पिलाएं। ऐसे माता-पिता जो बच्चे के साथ यात्रा में हैं वैसे बच्चे के लिए रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि सार्वजनिक जगहों पर भी पल्स पोलियो की टीम मौजूद रहेगी।

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रोजाना होगा नियमित टीककारण

बैठक में नियमित टीकाकरण और मिजिल्स रुबेला टीकाकरण पर चर्चा की गई। मिजिल्स रुबेला को लेकर चल रहा टीकाकरण अभियान शत-प्रतिशत पहुंच गया है। डॉ सुभाष चंद्र पासवान ने बताया कि मिजिल्स-रुबेला टीकाकरण की सफलता मिली है। अब विभाग टीम गठित कर घर-घर अभियान का संचालन कर रहा है ताकि एक भी बच्चा छूटने ना पाए। दरअसल 9 माह से 15 वर्ष के बच्चे को मिजिल्स -रुबेला का टीका दिया गया था। यह जिले के सभी बच्चे को दिया जाएगा। छूटे हुए बच्चे के लिए घर-घर अभियान चलाया जा रहा है। नियमित टीकाकरण की दर को बढ़ाने के लिए अब रोजाना टीकाकरण करने का फैसला किया गया है। पहले तीन दिन टीकाकरण सेशन साइट पर किया जाता था। जिले में अभी टीकाकरण की दर 82 फीसद है जबकि अमौर, डगरुआ और बायसी में टीकाकरण की दर जिले भर में सबसे निम्न है।

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