30 जून तक चार हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीदारी का लक्ष्य
पूर्णिया। जिले को पैक्स और व्यापार मंडल के माध्यम से चार हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीदारी का
पूर्णिया। जिले को पैक्स और व्यापार मंडल के माध्यम से चार हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीदारी का लक्ष्य दिया गया है। इसके लिए प्रस्ताव भी मांगा गया है। अब तक सिर्फ भवानीपुर अंतर्गत तीन पैक्स से प्रस्ताव आया है। बाकी जगहों से भी इसकी प्रक्रिया चल रही है। प्रस्ताव आने के बाद इसकी जांच-पड़ताल समेत अन्य प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके बाद गेहूं खरीदारी की अनुमति दी जाएगी। चूंकि गेहूं का रकबा कम होने के कारण किसानों की इसमें कम रुचि रहती है। पिछले वर्ष भी पैक्स के माध्यम से सौ क्विंटल के आसपास ही गेहूं की खरीदारी हुई थी।
विभाग द्वारा गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1840 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। गेहूं खरीदारी की अवधि 30 जून तक निर्धारित की गई है। खरीदारी सिर्फ पंजीकृत किसानों से ही की जाएगी। इसके लिए ऑनलाइन पंजीयन का कार्य भी चल रहा है।
किसानों से 150 क्विंटल गेहूं की खरीदारी :
पैक्स/व्यापार मंडल द्वारा किसानों से अधिकतम 150 क्विंटल और बटाईदार किसानों से अधिकतम 50 क्विंटल गेहूं की खरीदारी होगी। किसानों को स्वर्गीय अभिप्रमाणित प्रमाण पत्र देना होगा। वहीं बटाईदारों को दूसरे की जमीन पर खेती करने से संबंधित किसान सलाहकार/वार्ड सदस्य द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र के साथ ऑन लाइन पंजीकरण करना होगा।
किसानों का ऑनलाइन पंजीकरण :
रबी विपणन मौसम 2019-20 अंतर्गत किसानों से गेहूं की खरीदारी के लिए मुख्य रूप से पंचायत स्तर पर पैक्स एवं प्रखंड स्तर पर व्यापार मंडल द्वारा क्रय केंद्र की स्थापना की जाएगी। क्रय केंद्र एवं सार्वजनिक स्थानों पर खरीदारी कार्य से संबंधित महत्वपूर्ण सूचना का बैनर, किसानों का ऑन लाइन पंजीकरण, गोदाम की व्यवस्था, माप-तौल यंत्र की व्यवस्था, नमी मापी यंत्र, प्रतिदिन ऑनलाइन पंजीकृत किसानों की सूची जिले के वेबसाइट, पैक्स-व्यापार मंडल के क्रय केंद्र पर प्रदर्शित करने की व्यवस्था करनी होगी।
किसानों को देना होगा एलपीसी :
क्रय केंद्र पर किसानों को सीओ द्वारा निर्गत भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र या हाल का मालगुजारी रसीद में से कोई एक, किसानों का फोटोयुक्त पहचान पत्र देना होगा। एलपीसी की संभावित जालसाजी को रोकने के लिए प्रमाण पत्र निर्गत करने वाले सीओ एवं राजस्व कर्मचारी के हस्ताक्षर का नमूना क्रय केंद्रों पर उपलब्ध कराया जाएगा। किसानों को अपना सभी दस्तावेज स्व अभिप्रमाणित देना होगा।