मौजमपट्टंी मामले में चार दिनों बाद भी नहीं हुई गिरफ्तारी
पूर्णिया। मौजमपट्टी हत्याकाड के चार दिन बीत जाने के बावजूद घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों
पूर्णिया। मौजमपट्टी हत्याकाड के चार दिन बीत जाने के बावजूद घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। गिरफ्तारी नहीं होने से मारे गए लोगों के परिजन के साथ-साथ गाव समेत आसपास के गाव के लोग भी दहशत में हैं। लोगों को ये डर पुन: सताने लगा है कि जिस तरह से इस इलाके में अपराधी लगातार घटनाओं को अंजाम देकर खुलेआम कानून की धज्जिया उड़ा कर आसानी से निकल जाते हैं और गिरफ्तारी नहीं होती है तो घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो जाए।
बता दें कि इसी गाव से सटे राजघाट बहियार में 27 अक्टूबर को घोड़े पर सवार होकर आए हथियारबंद अपराधियों ने फसल लूटने के दौरान एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ था बावजूद इसके उस घटना के सभी आरोपित पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। दूसरी घटना सरस्वती पूजा के अवसर पर मौजमपट्टी गाव में आयोजित सास्कृतिक कार्यक्रम के दौरान घटी थी जब बुचन यादव पर बम से हमला किया गया था। उस गैंगवार में एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई थी। उस मामले को भी एक महीना से अधिक हो गया लेकिन एक भी आरोपित को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है। जबकि कई आरोपित बीकोठी प्रखंड मुख्यालय में खुलेआम घूमते रहते थे।
स्थानीय लोगों की माने तो सरस्वती पूजा के दौरान घटी घटना के आरोपितों को अगर पुलिस समय रहते गिरफ्तार कर लेती तो शनिवार का दिन उस बड़ी घटना का गवाह नहीं बनता। इधर घटना के चार दिन से ज्यादा बीत जाने के बावजूद गाव में मातमी सन्नता पसरा हुआ है अधिकतर पुरुष गाव छोड़कर चले गए हैं। एक्का-दुक्का जो लोग हैं वे घरों से बाहर निकलने से कतराते हैं। सभी के चेहरे पर दहशत साफ-साफ नजर आ रहा है। किसान खेतों में नहीं जा रहे हैं। जबकि अमूमन वाहनों के शोर से गुंजायमान रहने वाली सड़कें बिल्कुल सूनी पड़ी हुई हैं। लोग इस घटना के बाद से इसके आफ्टर शॉक को लेकर विशेष रूप से चिंतित हैं कि पता नहीं कब कहां, किधर से गोलीबारी शुरू हो जाए और फिर किसी के घर का चिराग न बुझ जाए।
इधर पुलिस ने बताया कि घटना के बाद से लगातार छापेमारी की जा रही है। जल्द ही सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।