जान जोखिम में डालकर ट्रैक पार कर प्लेटफार्म बदलते हैं यात्री
पूर्णिया। पूर्णिया रेलवे स्टेशन पर नियमों की धज्जियां उड़ाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है
पूर्णिया। पूर्णिया रेलवे स्टेशन पर नियमों की धज्जियां उड़ाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। हर रोज सैकड़ों लोग नियम-कानून को ताक पर रखकर धड़ल्ले से रेलवे ट्रैक पार कर प्लेटफार्म बदलते हैं। इतना ही नहीं रेलवे कुछ यात्री तो रेलवे ट्रैक पर बैठकर ट्रेन के आने का इंतजार भी करने लगते हैं। वहां मौजूद रेल प्रशासन मूकदर्शक बना रहता है। आरपीएफ ऐसे यात्रियों के विरूद्ध ना एक्शन लेती ना यात्रियों को जागरूक करती है। रेल विभाग की ओर से जारी कार्रवाई का निर्देश बस कागजों में सिमटकर हादसे का इंतजार करता है। सुरक्षा के बदइंतजामी का आलम यह है कि रेल यात्री बेखौफ होकर नियमों को ठेंगा दिखा रेल ट्रेक पार कर अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। जो रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है। वहीं सुरक्षा व्यवस्था में जुटे आरपीएफ बेटिकट यात्री और महिला बोगी में प्रवेश करने वाले पुरुष यात्री से जुर्माना वसूलकर अपनी जिम्मेदारी पूरी करती है। होली के बाद स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ बढ़ने से ट्रेन के एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर आने की सूचना पर ट्रैक पार करने वाले यात्रियों की संख्या भी बढ़ गई है। स्टेशन पर यात्रियों को जागरूक करने के लिए जागरुकता अभियान चलाया जाता है लेकिन इसका असर सिर्फ दो-चार दिन ही दिखाई देता है।
क्या है सजा के प्रावधान:::-
जानकार बताते हैं कि रेलवे ट्रैक पार करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध धारा 147 के तहत मामला दर्ज किया जाता है। इस जुर्म से संबंधित व्यक्ति को छह माह की सजा और एक हजार रुपये जुर्माना का प्रावधान है।