आस्था के महापर्व में सांसद भी व्रती
पूर्णिया : महापर्व छठ पर छोटे-बड़े, गरीब-अमीर, आम-वीआइपी सभी समान भाव से सूर्य देवता को अर्घ्य
पूर्णिया : महापर्व छठ पर छोटे-बड़े, गरीब-अमीर, आम-वीआइपी सभी समान भाव से सूर्य देवता को अर्घ्य प्रदान करते हैं। पूर्णिया के सांसद संतोष कुशवाहा भी यहां एक आम व्रती की तरह छठ पर्व आस्था के साथ मनाते हैं। छठ मैया एवं सूर्य देवता के प्रति असीम आस्था के कारण ही वे सार्वजनिक जीवन एवं लोक-काज से भी समय निकाल कर व्रत रखते हैं। सांसद संतोष कुशवाहा कहते हैं कि आस्था से व्रत का भाव आया तथा माता का आदेश मिला तब से छठ पूजा करने लगा। पिछले चार वर्षो से परिवारिक परंपरा को आगे बढ़ाते हुए छठ पर्व के अवसर पर सूर्य को अर्घ्य देते आ रहे हैं।
स्वच्छता और आस्था का पर्व छठ खासकर प्रदेश में लोग बड़ी संख्या में विधि-विधान से करते हैं। देश-विदेश हर जगह आस्था-भाव से इस पर्व को मनाया जाता है। छठ पर्व में सभी की समान रूप से आस्था है। प्रदेश के कई वीआइपी भी इस पर्व को आस्था के साथ मनाते हैं। पूर्णिया सांसद भी इस व्रत को काफी भक्ति भाव से मनाते हैं।
सांसद बताते हैं कि यह पर्व उनके परिवार में वर्षो से होता आ रहा है। बताया कि जब से वे होश संभाले हैं परिवार में छठ पर्व देखते आ रहे हैं। परिवार की इस परंपरा का उनकी मां वर्षो से निर्वहन कर रही थीं। लेकिन अब वे काफी वृद्ध हो गई हैं जिस कारण इस कठिन व्रत को करने में उन्हें परेशानी हो रही थीं। चार दिवसीय इस पर्व में कई विधि-विधान का शुद्धता से अनुपालन करना पड़ता है। दो दिनों तक बिना अन्न-जल के व्रती को रहना पड़ता है। मां भी निर्जला व्रत में रहती थी। इससे वृद्धावस्था में उनकी तबियत बिगड़ जाती थी। चार साल पहले उनका आदेश मिला कि वे इस व्रत को करें। परिवार में वर्षो से हो रही पूजा-अर्चना से उनकी आस्था इसमें पहले से थी ही। माता का आदेश मिलते ही व्रत शुरू कर दिया। कहा छठ मैया की कृपा से अब तक निर्विघ्न इस पर्व को करता आ रहा हूं। सांसद कहते हैं जनता के बीच से समय निकाल कर हर साल अपने पैतृक घर में छठ पर्व मनाते हैं तथा साक्षात देव सूर्य को अर्घ्य प्रदान करते हैं। सांसद कहते हैं वे सूर्य देव से राष्ट्र-राज्य की सुरक्षा और लोगों की सुख-शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।