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सीएम करेंगे शराबबंदी अभियान की समीक्षा

सूबे में शराबबंदी लागू होने के बाद शराबबंदी अभियान में सुस्ती बरतने वाले थाना अध्यक्षों पर अब पुलिस मुख्यालय स्तर से कार्रवाई की गाज गिर सकती है। हाल के महीनों में शराबबंदी अभियान में आई सुस्ती को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार खुद शुक्रवार को शराबबंदी अभियान की जिलावार समीक्षा करेंगे। शुक्रवार की शाम चार बजे होने वाली समीक्षा बैठक वीडियो कान्फ्रे¨सग के द्वारा की जाएगी तथा इस समीक्षा में हर जिले के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक मौजूद रहेंगे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 07:17 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 07:17 PM (IST)
सीएम करेंगे शराबबंदी 
अभियान की समीक्षा
सीएम करेंगे शराबबंदी अभियान की समीक्षा

पूर्णिया। सूबे में लागू हो चुके शराबबंदी अभियान के मद्देनजर सुस्ती बरतने वाले थानाध्यक्षों के विरुद्ध अब पुलिस मुख्यालय के स्तर पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है।

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दरअसल हाल के दिनों में शराबबंदी अभियान के प्रति पुलिस पदाधिकारियों की सुस्ती को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद शुक्रवार को शराबबंदी अभियान की जिलावार समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक शुक्रवार की शाम चार बजे वीडियो कांफ्रे¨सग के द्वारा की जाएगी। इस दौरान हर जिले के डीएम और एसपी मौजूद रहेंगे। इस समीक्षा बैठक में हाल के महीनों में जिलावार शराब तस्करी को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी जाएगी। बताया जाता है कि शराबबंदी लागू होने के दो वर्ष बीतने के बाद अब राज्य पुलिस मुख्यालय इसकी समीक्षा में जुट गई है कि सूबे के थानावार उत्पाद अधिनियम के तहत शराबबंदी अभियान लागू होने के बाद अबतक कितने मामले दर्ज किए गए हैं। मुख्यालय के द्वारा इसको लेकर सूबे के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों से थानावार उत्पाद अधिनियम के तहत दर्ज होने वाले मामलों एवं ब्यौरा मांगा गया है ताकि शराबबंदी अभियान में लापरवाही बरतने वाले थानाध्यक्षों को खिलाफ मुख्यालय स्तर से ही कार्रवाई की जा सके। मुख्यालय ने इस बात को काफी गंभीरता से लिया है कि शराबबंदी लागू होने के दो वर्ष से अधिक की समय सीमा में भी कई थानों में शराब जब्ती से लेकर शराबियों के पकड़े जाने के काफी कम मामले दर्ज किए गए हैं। मुख्यालय हर वर्ष एक दर्जन से कम मामले दर्ज करने वाले थाना अध्यक्षों पर कड़ी कार्रवाई कर सकता है। राज्य पुलिस मुख्यालय के निर्देश के आलोक में पूर्णिया जिले के भी आधे दर्जन थाना अध्यक्षों के गर्दन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। ऐसे थानेदारों की शराबबंदी अभियान में सुस्ती अब उनकी कश्ती डूबो सकती है। पूर्णिया जिले में शराबबंदी लागू होने के बाद दो वर्षों तक बड़ी संख्या में शराब तस्करों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए। पूर्णिया बंगाल, झारखंड एवं नेपाल सीमा से सटा हुआ जिला है। इस कारण पुलिस की लाख सख्ती के बाद भी शराब तस्करों द्वारा चोरी छिपे तस्करी का खेल जारी रखा गया। 2018 में इस अभियान में शिथिलता आई। सीएम की समीक्षा पुलिस को एकबार फिर से शराब तस्करी करने वालों के लिए एक बार फिर से जोरदार अभियान शुरू करवा सकती है।


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