Move to Jagran APP

महागठबंधन में जिसे मिलेगी पूर्णिया सीट उसका दामन थामेंगे पप्पू

पूर्णिया। भाजपा से इस्तीफा देने के बाद पूर्व सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह महागठबंधन के उस दल का द

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 11:09 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 11:09 PM (IST)
महागठबंधन में जिसे मिलेगी पूर्णिया सीट उसका दामन थामेंगे पप्पू
महागठबंधन में जिसे मिलेगी पूर्णिया सीट उसका दामन थामेंगे पप्पू

पूर्णिया। भाजपा से इस्तीफा देने के बाद पूर्व सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह महागठबंधन के उस दल का दामन थाम सकते हैं जिसके कोटे में पूर्णिया लोकसभा सीट होगी। इस संबंध में उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह ने बताया कि दल का फैसला वे एक सप्ताह के अंदर ले लेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि दल में शामिल होने के पहले वे अपने लोकसभा क्षेत्र के लोगों के बीच जाएंगे और उनको अपने फैसले की जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि भले ही उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है लेकिन वे पूर्णिया की जनता के लिए वही पप्पू हैं जो पहले से थे उनमें कोई बदलाव नहीं आया है। भाजपा से इस्तीफा देने के बाद पूर्व सांसद का दर्द फेसबुक पर भी छलका है। अपने फेसबुक पोस्ट पर उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह ने लिखा है कि मैं तहे दिल से पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र की जनता को इतना अधिक प्यार करने और सहयोग के लिए धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि मैं आज भी पूर्णिया की जनता से किए गए वादे पर कायम हूं। मैं हर हाल में उनके बीच चुनावी समर में मौजूद रहूंगा। पूर्णिया लोकसभा सीट पर लंबे समय से कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव लड़ते रहे हैं। हाल के वर्षो में जब देश में गठबंधन की राजनीति शुरू हुई तब भी यह लोकसभा सीट कांग्रेस के कोटे में ही गई है। इसके अलावा कई बार कांग्रेस उम्मीदवार ने यहां अपना परचम भी लहराया है। ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि पूर्णिया सीट एक बार फिर महागठबंधन में कांग्रेस के कोटे में जाएगी और पूर्व सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह कांग्रेस का दामन थाम टिकट की दावेदारी ठोक सकते हैं।

prime article banner

पूर्णिया सीट का इतिहास

वर्ष 1952 - अनूपलाल मेहता कांग्रेस

1957 -फनीगोपाल सेन गुप्ता - कांग्रेस

1962- फनीगोपाल सेन गुप्ता- कांग्रेस

1971- मो. ताहिर - कांगेस

1977- लखनलाल कपूर- जनता पार्टी

1980- माधुरी सिंह -- कांगेस

1984- माधुरी सिंह - कांग्रेस

1989- मु. तस्लीमुद्दीन- जनतादल

1996- राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव- समाजवादी पार्टी

1998- जयकृष्ण मंडल - भाजपा

1999- राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव निर्दलीय

2004- उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह- भाजपा

2009- उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह भाजपा

2014- संतोष कुमार कुशवाहा- जद यू पूर्व सांसद के भाजपा से इस्तीफे की खबर को किसी ने सराहा तो किसी ने बताया अवसरवादी कदम

पूर्व सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू ंिसह के भाजपा के इस्तीफे की खबर को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने तरह - तरह की अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। किसी ने उनके फैसले को सही कदम बताया है तो किसी ने अवसरवादी कदम बताया है। अनोज कुमार ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा है की आपको निर्दलीय भी चुनाव लड़ना चाहिए और पूर्णिया की जनता की सेवा करनी चाहिए। आसिफ इकबाल ने उनके कदम को साहसिक कदम बताया है। सैयद रुकमुद्दीन ने उनके इस फैसले में साथ होने की बात कही है। गौैरव भगत ने कहा कि वे बिना किसी पार्टी के सिंबल के भी चुनाव लड़कर जीत सकते हैं तो चंचल ने इसे अवसरवादी कदम बताया है।

पूर्व सांसद ने भाजपा अध्यक्ष को पत्र लिख उठाए सवाल

इस्तीफे के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को लिखे पत्र में पूर्व सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह ने कहा कि 2004 में वे अटल बिहारी वाजपेयी जी के कहने पर मैं भाजपा में आया था। इसके बाद मैं अपने क्षेत्र की जनता एवं कार्यकर्ताओं का आभारी हूं जिन्होंने दो बार मुझे अपना प्रतिनिधि चुनकर भेजा। 2014 के चुनाव में मैं पूर्णिया से नहीं जीत पाया, लेकिन इसके बाद भी लगातार कार्यकर्ताओं की हौसला आफजाई करते हुए जनता की सेवा में लगा रहा। उन्होंने कहा कि 2015 के विधानसभा चुनाव में हमें जनता ने विधानसभा चुनाव में विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया परंतु जुलाई 2017 में भाजपा फिर सता में आ गयी। बिहार में अपनी सत्ता होने के बावजूद आज एक-एक कार्यकर्ता निराश है। इस सरकार में किसी कार्यकर्ता की एक नहीं सुनी जाती। पूर्व सांसद ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से पूछा है कि आखिर कब तक कार्यकर्ता अपने स्वाभिमान पर समझौता करते रहेंगे। सरकार द्वारा जो योजनाएं चलाई जा रही है वह कागजों पर चलाई जा रही है। इन योजनाओं के लाभ से गांव के किसान एवं मजदूर वंचित है। इसी कारण में अपने पद और पार्टी से इस्तीफा देता हूं। भाजपा में मेरी यात्रा यहीं तक थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.