नगर निगम में वार्षिक बजट की तैयारी शुरू, पार्षदों से मांगा गया वार्ड बजट
पूर्णिया। नगर निगम शहर के विकास कार्यो को आगे बढ़ाने के लिए वार्षिक बजट की तैयारी शुरू कर
पूर्णिया। नगर निगम शहर के विकास कार्यो को आगे बढ़ाने के लिए वार्षिक बजट की तैयारी शुरू कर दी है। वित्तीय वर्ष 2019-20 समाप्ति की ओर बढ़ते ही नगर निगम में आगामी वित्तीय वर्ष 2020-21 को लेकर मंथन होने लगा है। इसके लिए वार्ड पार्षदों को पत्र भेजकर वार्ड बजट तैयार कर प्रस्ताव मांगा गया है। इससे कि वार्ड बजट के अनुसार समस्या को तरजीह देकर आगामी बजट तैयार किया जा सके। बजट को लेकर जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी तक जोड़ घटाव शुरू कर दिया हैं। ताकि नगर निगम के बेहतर बजट शहर को विकास की राह पर आगे बढ़ाया जा सके। इधर शहरवासियों को उम्मीद है कि नए बजट को पिछले अन्य वर्षो की बजट से बेहतर हो। शहर की मूलभूत समस्या के समाधान पर फोकस किया जाए। इसमें साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था, शहर का सौंदर्यीकरण, पार्किग की व्यवस्था, जाम की समस्या से निजात दिलाने जैसी प्रमुख समस्या के निदान के लिए वार्षिक बजट में जगह देना चाहिए।
4.78 लाख करोड़ का रहा चालू वित्तीय वर्ष का बजट ::
चालू विलतीय वर्ष 2019-20 का वार्षिक बजट 4.78 लाख करोड़ था। इसमें साफ सफाई में 6 करोड़, डंपिंग ग्राउंड निर्माण में 5 करोड़, वार्ड कार्यालय में 5.60 करोड़, पार्क निर्माण कार्य में 4.88 करोड़, मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के हर घर नल का जल क्रियान्वयन में 15 करोड़, सड़क एवं नाला निर्माण में 109 करोड़, संयंत्र एवं मशीनरी खरीदारी में 12 करोड़, वाहन क्रय में 10 करोड़, सड़क पर रोशनी हेतु 15.55 करोड़ तय किया गया था। वहीं आवास के लिए 107.72 करोड़, सार्वजनिक शौचालय निर्माण में 26.52 करोड़, राजीव आवास योजना के लिए 31.14 करोड़, गंदी बस्ती आधारभूत संरचना में 10.63 करोड़ खर्च का प्रावधान रखा गया था। वहीं मूल्य वृद्धि एवं सेवा निवृत कर्मचारियों को लाभ देने के लिए 19.34 करोड़ राशि खर्च करने का अलग से प्रावधान रखा गया था।
बजट के अनुरूप नहीं हो पाया कई काम::
शहर के विकास के लिए वर्ष 2019-20 के बजट में निर्धारित राशि के अनुरूप कई कार्य नहीं हो पाया है। पूरे वर्ष में साफ-सफाई और डंपिंग यार्ड का काम चालू वित्तीय वर्ष में अधूरा रह गया। डोर टू डोर कचरा उठाव के लिए एजेंसी का चयन और कचरा निस्तारण के लिए डंपिंग यार्ड का जगह अब तक चयन नहीं हो पाया है। यह समस्या शहर के लिए नासूर बना हुआ है। वहीं सभी वार्डो में वार्ड कार्यालय के निर्माण का प्रस्ताव भी अधूरा रह गया। इसके अलावा पार्क निर्माण कार्य के बजट का भी उपयोग नहीं हो पाया है। इस तरह कई कामकाज अब भी अधूरा है।
कोट के लिए:-
वार्षिक बजट विकास कार्यो से जुड़ा रहेगा। बजट शहरवासियों के उम्मीद पर खरा उतरेगा। सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों के साथ चर्चा कर बोर्ड की बैठक में विचार विमर्श बाद पारित किया जाएगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।
सविता देवी, नगर निगम महापौर