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बंगाल के रास्ते हर दिन आ रही शराब की बड़ी खेप

पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक विशाल शर्मा ने भी जिले के सभी पुलिस अधीक्षकों से दो दिनों के अंदर इस बात की रिपोर्ट सौंपने को कहा है कि उनके क्षेत्र के पुलिस एवं उत्पाद विभाग अलावा किसी अन्य विभाग के किसी पदाधिकारी या कर्मी पर मद्य निषेध कानून को लागू करने में लापरवाही अथवा अवैध शराब को बढ़ावा देने का आरोप है तथा इसके संबंध में उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी है। अपने पत्र में पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि मांगी गयी रिपोर्ट के आलोक में केवल बायसी पुलिस उपाधीक्षक ने अपना प्रतिवेदन समर्पित किया है जिसमें केवल बायसी थाना कांड संख्या 14- 1

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 07:37 PM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 07:37 PM (IST)
बंगाल के रास्ते हर दिन आ रही शराब की बड़ी खेप
बंगाल के रास्ते हर दिन आ रही शराब की बड़ी खेप

पूर्णिया। सूबे में शराब बंदी लागू होने के बाद अब शराब के तस्करों द्वारा कोरियर के माध्यम से ऑन डिमांड शराब उपलब्ध कराई जा रही है। वही शराब तस्करी को रोकने में पुलिस की उदासीनता के कारण भी शराब की तस्करी लगातार जारी है। शराब के तस्करों द्वारा शराबबंदी के बाद शराब की तस्करी बंगाल नेपाल एवं झारखंड से की जा रही है। इनके सीमावर्ती इलाकों से तस्करों द्वारा पहले तो हर दिन शराब की बड़ी खेप लाई जा रही है फिर जहां शराब की मांग की जाती है वहां कोरियर से पहुंचाया जा रहा है। शराबबंदी लागू होने के बाद शराब पीने वालों को शराब की कीमत भले ही दोगुनी चुकानी पड़े मगर उन्हें कोरियर के माध्यम से शराब आसानी से उपलब्ध हो जा रही है। शराब पीने की चाहत रखने वालों को धंधेबाजों द्वारा कई मोबाइल फोन के नंबर भी उपलब्ध कराये गये हैं जिस पर शराब का आर्डर मिलते ही कोरियर द्वारा शराब की खेप पहुंचा दी जाती है।

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शराबबंदी के बाद से बड़ी मात्रा में पकड़ी जा चुकी है शराब

सूबे में शराबबंदी लागू होने के बाद वर्ष 2016 एवं 2017 में बंगाल सीमा के अलावा जिले के अन्य थानों की पुलिस द्वारा जितनी बड़ी मात्रा में शराब की खेप जब्त की गयी है वह शराब तस्करी के पूरे खेल को उजागर करती है। लेकिन वर्ष 2018 में अब तक खासकर हाल के तीन चार महीनों में खासकर सीमावर्ती थानों में शराब की जब्ती नहीं की बराबर हो गयी है। ऐसे में यह सवाल उठने लगा है की क्या शराब की तस्करी पूरी तरह से बंद हो गयी है या फिर पुलिस ने शराब तस्करी पर आंख बंद कर ली है। पूर्णिया का बंगाल से सटा इलाका बायसी थाना है। यहां शराब बंदी के बाद जितनी शराब जब्त की गयी उसकी आधी शराब बायसी पुलिस द्वारा जब्त की गयी। इसके अलावा डगरूआ एवं सदर पुलिस द्वारा भी शराबबंदी अभियान लागू होने के बाद बड़ी संख्या में शराब की खेप पकड़ी गयी और कई शराब तस्कर भी दबोचे गए, लेकिन हाल के चार महीनों में चाहे बायसी हो या फिर डगरूआ या फिर सदर थाना क्षेत्र यहां शराब जब्ती नहीं के बराबर हुई है।

वाहनों को बदलकर शराब की खेप ले जाते हैं तस्कर

बताया जाता है कि शराब तस्कर हर दिन कई तरह के वाहनों को बदलकर शराब की खेप ले जाते हैं और फिर उसे कोरियर के माध्यम से शराब पीने वालों तक आसानी से पहुंचाते हैं। कोरियर इतनी कम मात्रा में शराब लेकर इधर उधर जाते हैं कि उसे पकड़ पाना पुलिस के लिये टेढ़ी खीर होती है। नेपाल बंगाल एवं झारखंड के सीमावर्ती इलाकों में हाल के महीनों में शराब की बिक्री चार गुनी तक का होना भी इस बात का प्रमाण है कि शराब की तस्करी जोर शोर से हो रही है। झारखंड के जिलों साहिबगंज, गोड्डा, पाकुड़ एवं बंगाल के सीमावर्ती जिलों में भी शराब की बिक्री में तीन गुणा इजाफा हुआ है। शराबबंदी लागू होने के बाद कई ग्रामीण इलाकों में देसी शराब के निर्माण पर पूरी तरह से रोक लग गया था। मगर धीरे धीरे अब कई खासकर आदिवासी इलाकों में शराब निर्माण का खेल शुरू हो गया है। बताया जाता है कि बंगाल के दालकोला चेकपोस्ट के पास वाहनों की जांच शराब के लिए की जाती है। मगर यहां भी जांच के नाम पर महज खानापूरी की जा रही है। सीमावर्ती थानों की पुलिस की मिलीभगत से बंगाल सीमा से हर दिन शराब की खेप जिले में दाखिल हो रही है और फिर कोरियर के माध्यम से उसे डिमांड के अनुसार ठिकाने पर पहुंचाया जा रहा है।

एसपी ने सभी डीएसपी से मांगी रिपोर्ट

पूर्णिया: पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक विशाल शर्मा ने भी जिले के सभी पुलिस अधीक्षकों से दो दिनों के अंदर इस बात की रिपोर्ट सौंपने को कहा है कि उनके क्षेत्र के पुलिस एवं उत्पाद विभाग अलावा किसी अन्य विभाग के किसी पदाधिकारी या कर्मी पर मद्य निषेध कानून को लागू करने में लापरवाही अथवा अवैध शराब को बढ़ावा देने का आरोप है तथा इसके संबंध में उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी है। अपने पत्र में पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि मांगी गयी रिपोर्ट के आलोक में केवल बायसी पुलिस उपाधीक्षक ने अपना प्रतिवेदन समर्पित किया है जिसमें केवल बायसी थाना कांड संख्या 14- 18 दिनांक 14 जनवरी 2018 में पुलिस निरीक्षक टीपी ¨सह द्वारा लापरवाही बरतने का उल्लेख है। प्रतिवेदन में अवैध शराब को बढ़ावा देने के आरोप में की गयी कार्रवाई का उल्लेख नहीं किया गया है। एसपी ने फिर से सभी बिन्दुओं पर बिन्दुवार जवाब देने को कहा है।


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