बिहार: रिमांड होम डबल मर्डर में JDU नेता का खुलासा- जज की हत्या की दी गई थी सुपारी
बिहार के पूर्णिया बाल सुधार गृह में पांच बाल बंदियों द्वारा दो हत्याएं कर फरार हो जाने के मामले में कार्रवाई शुरू हो गई है। जांच टीम ने गुरुवार को घटनास्थल की जांच की।
पूर्णिया [जेएनएन]। पूर्णिया के बाल सुधार गृह में बुधवार को बाल बंदियों के खूनी खेल के बाद कार्रवाई तेज हो गई है। इस प्रकरण में गुरुवार को पुलिस ने एक फरार बाल बंदी के पिता सह जदयू नेता को हिरासत में लिया है। उनकी मानें तो बाल सुधार गृह के पूर्व हाउस फादर ने बाल बंदियों को किशोर न्याय पर्षद के जज की हत्या की सुपारी सौंपी थी। बाल सुधार गृह की सुरक्षा में तैनात सभी छह होमगार्ड जवानों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही बाल सुधार गृह के अधीक्षक को निलंबित करने का प्रस्ताव जिलाधिकारी ने समाज कल्याण विभाग को भेज दिया है।
विदित हो कि बीती शाम पूर्णिया बाल सुधार गृह में पांच बाल बंदियों ने हाउस फादर व एक बाल बंदी की गोली मारकर हत्या कर दी। फिर, फायरिंग करते हुए भाग गए। फरार बाल बंदियों में एक के पिता जदयू नेता हैं। पुलिस उनसे कई बिंदुओं पर पूछताछ कर रही है।
जज की हत्या की दी गई थी सुपारी
बताया जाता है कि जदयू नेता ने बताया है कि बाल सुधार गृह से हटाए गए हाउस फादर अमर झा ने बाल बंदियों को किशोर न्याय पर्षद के जज की हत्या की सुपारी सौंपी थी। बाल बंदी ने उन्हें इसकी जानकारी दी थी। उसने यह भी बताया था कि उसे इसके एवज में अमर झा ने डेढ़ लाख रुपये देने का भी आश्वासन दिया था। जदयू नेता ने बताया कि इसकी जानकारी उन्होंने खुद किशोर न्याय पर्षद के जज से मिलकर उन्हें दी थी।
जांच टीम ने अधीक्षक को पाया दोषी, निलंबन तय
घटना के बाद जिलाधिकारी ने तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया था। जांच टीम ने गुरुवार को बाल सुधार गृह जाकर जांच की। इस दौरान कई खामियां पाई गईं। बाल सुधार गृह के संचालन में बरती जा रही लापरवाही को लेकर अधीक्षक शशि भूषण को पूरी तरह से दोषी माना गया। इस कारण उसे निलंबित करने का प्रस्ताव भेजा गया है।
प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी रोहित कुमार करेंगे जांच
बाल सुधार गृह के बाल बंदियों ने पुलिस को बताया कि घटना के समय हाउस फादर अपने कमरे में टीवी देख रहे थे। जिस बाल बंदी की हत्या की गई, वह भी अपने बेड पर सोया हुआ था। जिलाधिकारी ने घटना की न्यायिक जांच की अनुशंसा की। इाके बाद पूर्णिया के जिला एवं सत्र न्यायधीश कृष्ण गोपाल द्विवेदी ने जांच का जिम्मा प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी रोहित कुमार को सौंपा है।
भागे बाल बंदियों की तलाश जारी
जांच के दौरान यह बात भी सामने आई है कि घटना के बाद बाल बंदियों को भगाने के लिए चार पहिया वाहन का प्रयोग किया गया। पुलिस उक्त वाहन की तलाश कर रही है। पांचों फरार बाल बंदियों को पकडऩे के लिए पुलिस की तीन टीमों ने पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज व अररिया में आधा दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की।