त्रिस्तरीय सुरक्षा को भेदकर पर्यवेक्षण गृह पहुंचा हथियार
पर्यवेक्षण गृह तक हथियार पहुंचाने के लिए बाल कैदियों की योजना ने त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था को चकमा दे दिया। सुरक्षा में लगे बाल संरक्षण इकाई के तीन सुरक्षा गार्ड, मुख्य दरवाजा पर तैनात चार होमगार्ड और आठ सीसीटीवी कैमरे की सुरक्षा को भेदकर हथियार बाल कैदियों के हाथ पहुंच गया। इसकी भनक पर्यवेक्षण गृह में बंद 74 बाल बंदियों में से किसी बाल बंदी, वहां के कर्मी और सुरक्षा प्रहरी को नहीं लगी। पर्यवेक्षण
पूर्णिया। पर्यवेक्षण गृह तक हथियार पहुंचाने के लिए बाल कैदियों की योजना ने त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था को चकमा दे दिया। सुरक्षा में लगे बाल संरक्षण इकाई के तीन सुरक्षा गार्ड, मुख्य दरवाजा पर तैनात चार होमगार्ड और आठ सीसीटीवी कैमरे की सुरक्षा को भेदकर हथियार बाल कैदियों के हाथ पहुंच गया। इसकी भनक पर्यवेक्षण गृह में बंद 74 बाल बंदियों में से किसी बाल बंदी, वहां के कर्मी और सुरक्षा प्रहरी को नहीं लगी। पर्यवेक्षण गृह में बाल संरक्षण इकाई की ओर से नियुक्त तीन सुरक्षा गार्ड जनार्दन प्रसाद, देवनारायण उरांव और राजीव सोरेन आठ-आठ घंटा का ड्यूटी अंदर के दरवाजे पर करते थे। वहीं चार होमगार्ड मुख्य द्वार पर अपनी ड्यूटी करते थे। इसके अलावा मुख्य द्वार सहित गृह में आठ सीसीटीवी कैमरा लगा है। सुरक्षा के प्रति उदासीनता का आलम है कि सारी सुरक्षा व्यवस्था को भेदकर बाल कैदियों के हाथ हथियार पहुंच गया।
हथियार कब और किसने पहुंचाया पूरे नेटवर्क को एसपी विशाल शर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम पर्यवेक्षण गृह से बरामद एक फरार बाल कैदी के मोबाइल के आधार पर खंगाल रही है। घटना के बाद फरार विभिन्न जिला के कैदियों से संबंधित जिला एवं थाना को भी जानकारी दे दी गई है।
एक दिन पहले हुआ था विवाद
पर्यवेक्षण गृह के बाल कैदियों ने बताया कि मंगलवार की शाम फरार बाल कैदी और घटना में मारे गए बाल कैदी के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। फरार सभी कैदी एक साथ संगठित होकर रहता था और अंदर ही अंदर पूरी योजना तैयार कर रखा था। बुधवार की शाम भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे एशिया कप मैच के दौरान टीवी रूम में अचानक किसी बात को लेकर फिर विवाद हुआ और बल कैदी एवं गृह पिता विजेन्द्र को गोली मार दी गई। बताया कि इसके बाद सभी पांचों टीवी रूम से निकला और हथियार लहराते एवं हाथ में ईट लेकर दोनों गार्ड को जान से मारने की धमकी देकर गेट खुलवाकर भाग निकला। पर्यवेक्षण गृह में मरंगा थाना क्षेत्र के नेवालाल चौक के तीन-चार बाल कैदियों के एक साथ रहने के कारण वहां से फरार सभी बाल कैदियों का दबदबा रहता था। वे सभी अन्य बाल कैदियों को मारपीट एवं डरा धमकाकर रखता था।
अस्पताल में परिजनों ने अधिकारियों को खदेड़ा
पर्यवेक्षण गृह में बाल कैदियों की गोली से पर्यवेक्षण गृह पिता विजेन्द्र कुमार की मौत के बाद सूचना पर अस्पताल पहुंचे परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजन पर्यवेक्षण गृह के सुरक्षा व्यवस्था और घटना के बाद अस्पताल में पुलिस-प्रशासन एवं अधिकारियों के नहीं पहुंचने पर आक्रोशित हो गए। परिजनों का आक्रोश देख अस्पताल पहुंचे कई अधिकारियों को भीड़ ने खदेड़कर भगा दिया। परिजनों का आक्रोश बढ़ते देख काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। मामले की छानबीन में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव प्रशांत कुमार झा अस्पताल पहुंचकर परिजनों से पूछताछ की। मृतक गृह पिता के परिजन के बयान पर अपना रिपोर्ट दर्ज किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट न्यायालय एवं विभाग को भेजी जाएगी।