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ऐतिहासिक खेल मैदान बन गया कूड़ादान

पूर्णिया। धमदाहा के विकास में भूमिका निभाने वाला हाई स्कूल क्रीड़ा मैदान आज खुद इतिहास बनने

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Jun 2018 05:37 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jun 2018 05:37 PM (IST)
ऐतिहासिक खेल मैदान बन गया कूड़ादान
ऐतिहासिक खेल मैदान बन गया कूड़ादान

पूर्णिया। धमदाहा के विकास में भूमिका निभाने वाला हाई स्कूल क्रीड़ा मैदान आज खुद इतिहास बनने के कगार पर पहुंच गया है। अनुमंडल मुख्यालय स्थित एकमात्र इस खेल मैदान में कूड़ा-कचरा फेंके जाने से गंदगी का अंबार लगा रहता है। इसके आसपास मौजूद सभी होटलों का पानी सहित पूरे मुख्यालय के बारिश का पानी भी इसी मैदान में बहकर आता है। जिसके कारण हल्की सी भी बरसात होने पर यह तालाब में परिणत हो जाता है। मैदान के आधे भाग में वाहनों को अवैध रूप से पार्क किया जाता है। जिससे यह मैदान अपना अस्तित्व खोता जा रहा है। क्रिकेट खिलाड़ी अमन ¨सह ने बताया कि इस मैदान का उपयोग सभी राजनीतिक दलों के नेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए करते हैं, लेकिन इस मैदान की बदहाली को दूर करने के लिए किसी के पास समय नहीं है। क्रिकेट खिलाड़ी पवन कुमार ने बताया कि एक जमाना था जब इस मैदान पर लोग सुबह शाम टहलने आते थे। यहीं पर दौड़ लगाकर सैकड़ों युवाओं ने खेलकूद सहित डिफेंस के क्षेत्र में सफलता हासिल कर धमदाहा का नाम रोशन किया, लेकिन वर्तमान समय में यह मैदान जुआरी एवं शराबियों का अड्डा बनकर रह गया है। कूड़ा-कचरा फेंके के कारण इसकी हालत इतनी खराब हो गई है।

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क्रिकेट खिलाड़ी अभिमन्यु ने बताया कि यह मैदान अनुमंडल मुख्यालय का एकलौता मैदान है। इस नाते हम सब इसे धमदाहा की धरोहर मानते हैं लेकिन अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण यह मैदान बर्बाद होकर रह गया है।

खेलप्रेमी सह समाजसेवी साधन कृष्ण ने बताते हैं कि उनलोगों ने कई बार इस मैदान की बदहाली को दूर करने के लिए अधिकारी से लेकर सांसद एवं विधायक तक से गुहार लगाई, लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला।

जीतू कुमार ने बताया कि इस मैदान पर कुछ वर्ष पूर्व सामूहिक विवाह एवं गत विधानसभा के दौरान राजनीतिक दल एवं अनुमंडल प्रशासन द्वारा कार्यक्रमों के आयोजन के दौरान बनाए गए पंडालों के लिए बांस-बल्ले गाड़े गए थे। आयोजन के समाप्त होने के बाद बांस-बल्ला तो उखाड़ लिए गए, लेकिन उसके लिए खोदे गए गड्ढों को नहीं भरा गया। मैदान के पूर्वी भाग में बच्चे क्रिकेट एवं खेलों का अभ्यास करते थे, लेकिन इन गड्ढों के कारण यहां अभ्यास तो दूर पैदल चलना भी जोखिम भरा हो गया है। गोपाल ¨सह ने बताया कि मैदान की बदहाली के कारण इस इलाके की छिपी हुई प्रतिभाओं को आगे आने का मौका नहीं मिल रहा है। राज्यस्तरीय क्रिकेट खिलाड़ी अमितेश कुमार ने बताया कि कुछ महीने पूर्व एसडीओ पवन कुमार मंडल ने इस मैदान की खोई हुई सुंदरता को लौटाने की दिशा में पहल की बात कही थी, लेकिन समय बीतते के साथ वह बात भी बीत गई।


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