बिहार: इस जेल में कचरे से खाद तैयार कर रहे कैदी, जानिए कैसे हो रहा उत्पादन
बिहार का केंद्रीय कारा पूर्णिया पहला ऐसा जेल बन गया है जहां कचरे से खाद तैयार की जायेगी। आत्मा से प्रशिक्षण लेकर 20 कैदियों का समूह खाद उत्पादन से जुड़ गया है।
पूर्णिया [शैलेश]। केंद्रीय कारा पूर्णिया बिहार का पहला जेल बन गया है, जहां के कैदी कचरे से वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार करेंगे। इसके लिए जेल प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है। खाद तैयार करने के लिए कैदियों को आत्मा से प्रशिक्षण दिलाया गया है। प्रशिक्षित कैदी जेल के अंदर से रोजाना निकलने वाले चार टन कचरा को रिसाइकिल कर बिना किसी लागत के वर्मी कंपोस्ट तैयार करेंगे। इस काम के लिए अभिरुचि के अनुसार प्रथम चरण में 20 कैदियों को चिन्हित कर उन्हें प्रशिक्षण दिया गया है।
वर्मी कंपोस्ट उत्पादन के लिए जेल के अंदर विशेषज्ञों की देखरेख में 10/3 फीट का 10 कोठा प्लांट बनाया गया है। इस प्लांट में प्रशिक्षित कैदियों ने वर्मी कंपोस्ट का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। जेल अधीक्षक ने बताया कि वर्मी कंपोस्ट उत्पादन से जहां कैदी स्वाबलंबी बनेंगे वहीं जेल में होने वाले खेती-बाड़ी में वर्मी कंपोस्ट खाद का उपयोग कर आर्गेनिक सब्जियों का उत्पादन किया जाएगा।
आत्मा के डिप्टी डायरेक्टर ने संबंधित कैदियों को जैविक कचरा को रिसाइकिल कर वर्मी कंपोस्ट उत्पादन की ट्रेङ्क्षनग दी है। इसके लिए प्रोजेक्ट के तौर पर कार्यशाला भी आयोजित किया गया। जेल प्रशासन ने 10 प्लांट का निर्माण कर गोबर उपलब्ध कराया और आत्मा ने वर्मी कंपोस्ट उत्पादन के लिए 10 किलो केचुआ दिया। इसके बाद से बीते एक सप्ताह से समूह के कैदी वर्मी कंपोस्ट निर्माण कार्य में जुट गए हैं।
जेल में लघु उद्योग ले रहा आकार
केंद्रीय कारा में कई प्रकार के कुटीर उद्योग शुरू किये जा रहे हैं। मुख्यालय से हरी झंडी मिलने के बाद जेल प्रशासन ने कैदियों को विभिन्न लघु एवं कुटीर उद्योग के लिए प्रेरित किया है। जिसके बाद जेल में अगरबत्ती, बेकरी, मसाला आदि की इकाई शुरू करने का प्रयास चल रहा है। इसके लिए जेल में अलग से उद्योग हेतु सेक्टर तैयार किया जा रहा है। प्रथम चरण में अगरबत्ती बनाकर बाजार तक पहुंचाया जाएगा। इसके बाद अन्य उद्योगों को भी आकार दिया जाएगा।
केन्द्रीय काराधीक्षक विधु भारद्वाज ने बताया कि केंद्रीय कारा बिहार का पहला जेल है, जहां वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन शुरू किया गया है। जेल के अंदर 20 कैदियों को आत्मा के सहयोग से वर्मी कंपोस्ट उत्पादन का प्रशिक्षण दिया गया है जिसके बाद यहां खाद का उत्पादन शुरू किया गया है।