कटिहार के गजराज संचेती ने रखा 32 दिनों तक उपवास
पूर्णियाँ विश्वविद्यालय की पहली ¨सडिकेट बैठक 16 सितंबर, 201
पूर्णिया। आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनि श्री आलोक मुनि के गुलाबबाग चातुर्मास के दौरान तेरापंथ धर्मसंघ के बड़े कार्यक्रमों में से एक विकास महोत्सव का आयोजन तेरापंथ भवन गुलाबबाग में हुआ। जिसमें गुलाबबाग, पूर्णिया के साथ-साथ भागलपुर, कटिहार, बायसी, दलकोला, अररिया, जोकीहाट, फारबिसगंज, किशनगंज, सिलीगुड़ी के साथ-साथ नेपाल के विराटनगर सहित कई क्षेत्र के सैकड़ों अनुयायियों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम के दौरान तेरापंथ धर्मसंघ की बड़ी संस्था नेपाल बिहार तेरापंथ सभा की ओर से पर्युषण पर्व के दौरान संयम, साधना, तप करने वाले विशिष्ट तपस्वियों का तप अभिनंदन भी किया गया। नेपाल बिहार तेरापंथ सभा के अध्यक्ष राजकरण दफ्तरी, मंत्री चैन रूप दुगड़, महासभा के कोषाध्यक्ष उज्जयन मालू और सहमंत्री नेमीचंद बैद ने आलोक मुनि के समक्ष तपस्वियों का अभिनंदन करते हुए मोमेटों भेंट किया। तपस्वियों में मुख्य रूप से कटिहार के गजराज संचेती ने लगातार 32 दिनों तक उपवास रखा। वहीं 31 दिनों का उपवास रखने वाली युवती भावना डागा और लक्ष्मी देवी दुगड़ रही। 30 वर्षों से सावन-भादो में एक दिन छोड़ एक दिन उपवास करने वाली किशनगंज की चन्दा देवी श्यामसुखा के साथ-साथ इसी प्रकार की तपस्या करने वाले अलग-अलग क्षेत्रों से आए लगभग 70 तपस्वी भाई बहनों के तप का अभिनंदन किया गया। धर्मसंघ और जन कल्याण के लिए अपने आचार्यो द्वारा किए गए विकास कार्यो की चर्चा विकास महोत्सव में अपने आचार्यों द्वारा जनकल्याण और धर्मसंघ के विकास पर चर्चा की जाती है। आलोक मुनि ने व्याख्यान देते हुए उपस्थित जनसमूह को बताया कि मानव जीवन के विकास के पांच तथ्य है। आस्था, सकारात्मक सोच, स्वाध्याय, ध्यान और मानसिक आह्लाद यह ऐसे पांच तथ्य है जिसका अनुसरण कर मानव नैतिकता के साथ अपना और अपने समाज का विकास कर सकता है। श्री आलोक मुनि ने कहा कि आचार्य श्री महाश्रमण जी की अ¨हसा यात्रा चल रही है। अ¨हसा यात्रा में नैतिकता, सछ्वावना और नशामुक्ति का संकल्प दिलाते हुए आचार्य श्री अपने अगले पड़ाव की ओर प्रस्थान करते जाते हैं। हजारों किलोमीटर की उनकी अ¨हसा यात्रा गतिमान है और इस अ¨हसा यात्रा से देश के कई क्षेत्रों के लोगो मे अभूतपूर्व बदलाव आया है। लोग आचार्य श्री महाश्रमण की इस अ¨हसा यात्रा के मुख्य ¨बदुओं से प्रेरणा लेते हुए न केवल नशामुक्ति का संकल्प ले रहे है बल्कि सछ्वावना और नैतिकता का भी लोग संकल्प ले रहे हैं।