राष्ट्र के एकीकरण में वल्लभभाई पटेल के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता
पूर्णिया। 562 देसी रियासतों का एकीकरण कर देश की एकता के सूत्रधार आधुनिक भारत के ि
पूर्णिया। 562 देसी रियासतों का एकीकरण कर देश की एकता के सूत्रधार, आधुनिक भारत के निर्माता, निष्ठा और ईमानदारी के पर्याय, स्वतंत्र भारत के प्रथम उप-प्रधानमंत्री भारतरत्न लौहपुरुष के नाम से विश्व विख्यात सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा थाना चौक स्थित कार्यालय में मनाई गई। उनके तैलचित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। मौके पर विवि संगठन मंत्री राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि देश की आजादी से लेकर एकीकृत करने में सरदार वल्लभभाई पटेल का योगदान महत्वपूर्ण है। देश उनके इस योगदान को कभी नहीं भुला सकता। आज भी उनकी प्रेरणा और व्यक्तित्व सभी के लिए आदर्श हैं। देश की अखंडता के लिए जो कार्य सरदार पटेल ने किया, वह कोई और नहीं कर सकता। राष्ट्रीय एकता दिवस का उत्सव हमारे देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को दर्शाता है।
जिला संयोजक अभिषेक आनंद ने कहा कि सरदार पटेल ने तत्कालीन ब्रिटिश औपनिवेशिक प्रातों और लगभग 565 स्वशासी रियासतों को सफलतापूर्वक एकीकृत करके अखंड भारत की स्थापना की। हैदराबाद को एकीकृत भारत में मिलाने का श्रेय सरदार पटेल को ही जाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर भारत के नागरिक कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक साथ आए, यह देश की एकता का जीता जागता सुबूत है। इससे साबित होता है कि जब-जब देश पर कोई मुसीबत आएगी तो देश एक साथ खड़ा दिखाई देगा।
प्रदेश कार्यकारिणी परिषद सदस्य कुमार गौरव ने कहा कि सरदार पटेल ने भारतीय प्रशासनिक सेवाओं को मजबूत बनाने पर काफी जोर दिया।