गुरु गोविंद ने दी परमार्थ की सीख : मुख्य ग्रंथी
पूर्णिया। आरएन साह चौक स्थित गुरुद्वारा में गुरु गोविंद सिंह की 353वीं जयंती समारोह के उपलक्ष्य
पूर्णिया। आरएन साह चौक स्थित गुरुद्वारा में गुरु गोविंद सिंह की 353वीं जयंती समारोह के उपलक्ष्य में प्रकाश पर्व मनाया गया। रविवार को गुरुद्वारा में श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह से उमड़ी। बच्चे, बुजुर्ग, स्त्री व पुरुषों ने कीर्तन और ग्रंथ पाठ में हिस्सा लिया। इस मौके पर गुरुद्वारा पहुंचे श्रद्धालुओं ने मत्था टेका और गुरुवाणी का आनंद लिया। गुरुद्वारा के मुख्य ग्रंथी लक्ष्मण सिह ज्ञानी ने ग्रंथ पाठ किया। इसके बाद लंगर का आयोजन किया गया। भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया और सेवाएं भी दी। प्रबंधन में गुरुद्वारा के मुख्य ग्रंथी लक्ष्मण सिह ज्ञानी ने बताया कि संसार में सब कुछ भ्रम है। केवल गुरु की वाणी ही सच्ची है। इसी में असली आनंद है। उन्होंने कहा कि यह संसार भ्रम और जाल है। जहा पग-पग पर मोह और माया है। इसमें उलझा व्यक्ति हमेशा दुखी रहता है, इसलिए गुरु के बताए रास्ते पर ही चलकर मनुष्य का सच्चा कल्याण है। स्वार्थ में हर कोई अंधा हो गया है। गुरु गोविंद ने परमार्थ की सीख दी है और उसी में मनुष्य को सच्ची खुशी और आनंद की प्राप्ति होगी। इस मौके पर सचिव सरदार उपेंदर सिंह, अध्यक्ष राजा सिंह, उपाध्यक्ष संजीव सिंह, प्रदीप सिंह सहगल, गुरु दयाल सिंह आदि उपस्थित थे।