शराब पी तो पुलिस से शिकायत कर देगी आपकी अपनी गाड़ी, स्टार्ट भी नहीं होगी
बिहार के तीन युवा छात्रों ने एक एेसी अनोखी मशीन बनाई है जो शराबियों की तुरत पहचान कर लेगी। इसके साथ ही शराब पीकर गाड़ी चलाने पर गाड़ी खुद बंद हो जाएगी। जानिए ये पूरी खबर....
पूर्णिया [राजीव कुमार]। बिहार में शराबबंदी कानून लागू है और बिहार के तीन युवाओं ने मिलकर एक एेसी मशीन तैयार की है जिसकी खूबी जानकर आप हैरत में पड़ जाएंगे।
पूर्णिया के भवानीपुर प्रखंड की रहने वाली एेश्वर्या प्रिया, औरगाबाद एवं रोहतास के रहने वाले दो बेटों, विवेक सिंह और अभिषेक चौधरी ने मिलकर एक ऐसी मशीन बनाई है जो शराबियों को पकड़ने में मदद करेगी और साथ ही अगर आप शराब पीकर गाड़ी चलाएंगे तो गाड़ी खुद बंद हो जाएगी। गाड़ी बंद होने की सूचना स्थानीय पुलिस के 100 नंबर पर मिल जाएगी की गाड़ी में शराब पीने वाले के कारण गाड़ी बंद हो गयी है।
सूबे में शराबबंदी अभियान लागू होने के बाद राज्य सरकार लगातार शराब एवं शराबियों की खोज के लिए लगातार अभियान चला रही है। ऐसे में पूर्णिया की बेटी एेश्वर्या प्रिया एवं उसके सहयोगी रोहतास के विवेक कुमार सिंह एवं औरगाबाद के अभिषेक चौधरी द्वारा बनाई गयी यह मशीन शराबबंदी अभियान को सख्ती से लागू करने में काफी सहायक सिद्ध होगी।
मध्यप्रदेश के भोपाल के लक्ष्मी नारायण कॉलेज के बीटेक तृतीय वर्ष के तीन छात्रों के इस अनोखे खोज को कई माह की कड़ी मेहनत के बाद सफलता मिली है। सूबे के इन तीनों छात्रों का कहना है कि सरकार द्वारा सूबे में शराबबंदी अभियान को कारगर ढंग से लागू करने के लिए उन्होंने यह यंत्र बनाया है।
उनका मानना है कि अगर इस यंत्र का वाहन में उपयोग किया जाता है तो ना केवल शराब पीकर वाहन चलाने की घटना पर रोक लगेगी, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं पर भी लगाम लगेगी। इस यंत्र को पुणे में आयोजित राष्ट्रीय स्तर पर इनोवेटिव माडल एवं प्रोजेक्ट प्रतियोगिता में प्रथम स्थान मिला है। देश भर से इस प्रतियोगिता में 125 प्रविष्टियां प्राप्त हुई इसमें से 84 का चयन किया गया और इस प्रोजेक्ट का नाम शराब डिटेक्टर एवं आटोमैटिक इंजन लॉक सिस्टम रखा गया है।
कैसे काम करती है यह मशीन
शराब को पकड़ने वाला एक सेंसर गाड़ी के डैश बोर्ड पर लगाया जाता है इस यंत्र का एक तार गाड़ी की बैटरी तो दूसरा तार गाड़ी के इंजन से लगा रहता है। इसमें जैसे ही शराब के नशे में कोई चालक या वाहन में कोई व्यक्ति शराब पीकर बैठेता है तो शराब पकड़ने वाला सेंसर शराब, शराबी की सांस से अल्कोहल को पकड़ लेगी और सेंसर फिर मशीन को बंद कर देगा।
इसके बाद जीएसएम एवं जीपीएस के माध्यम से स्थानीय थाने की पुलिस को गाड़ी नंबर एवं स्थान मैसेज के द्वारा मशीन भेज देगी की शराब पीने के कारण वाहन किस स्थान पर बंद पड़ा है। इसमें सबसे बड़ी खासियत यह है कि जब तक शराब का सेवन करने वाला व्यक्ति वाहन से उतरेगा नहीं वाहन स्टार्ट होगा नहीं। शराबी को पकड़ने वाला यह यंत्र एक हजार रुपये की लागत में बनाया जा सकता है।
बचपन से ही मेधावी रही है पूर्णिया की बेटी
शराबी को पकड़ने वाली मशीन बनाने वाली पूर्णिया के भवानीपुर की एेश्वर्या प्रिया रवि गुप्ता की बेटी है। उसने दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की। एश्र्वर्या प्रिया बताती है कि उनकी इच्छा था कि शराबबंदी अभियान में सरकार की मदद करें इसके लिए अपने दो सहयोगियों के साथ मिलकर इस यंत्र को विकसित किया।
एेश्वर्या ने मीडिया को दिए अपने इंटरव्यू में बताया कि अगर सरकार वाहनों में इस यंत्र का इस्तेमाल करे तो शराब पीकर कोई गाड़ी नहीं चला पाएगा। शराब पीकर आए दिन होने वाली सड़क दुर्घटना को भी इस डिवाइस की मदद से रोका जा सकेगा।
ऐश्वर्य को इस सफलता के लिए पुणे में आयोजित राष्ट्रीय स्तर पर इनोवेटिव मॉडल एवं प्रोजेक्ट प्रतियोगिता में प्रथम स्थान मिला है। इस प्रतियोगिता में देशभर से 125 प्रविष्टियां प्राप्त हुई थीं जिनमें से 84 का चयन प्रतियोगिता के लिए किया गया था। ऐश्वर्य ने बताया कि इस प्रोजेक्ट का नाम 'अल्कोहल डिटेक्टर एवं अटोमेटिक इंजन लॉकिंग सिस्टम' रखा गया है।
इस मशीन के विषय में पूछे जाने पर ऐश्वर्य प्रिया ने बताया कि यह एक छोटी सी मशीन है, जिसे गाड़ी के डेस्क बोर्ड पर लगाया जा सकता है। इस यंत्र का एक तार गाड़ी के बैटरी से जबकि दूसरा तार गाड़ी के इंजन में लगा होता है।
जैसे ही कोई ड्राइवर या वाहन चालक शराब पीकर गाड़ी चलाएगा, सामने लगा अल्कोहल डिटेक्टर मशीन उसके सांस से अल्कोहल को पकड़ लेगा। पकड़ने के बाद मशीन इंजन को बंद कर देगा। सबसे बड़ी बात है कि जब तक शराब सेवन किया व्यक्ति वाहन से उतर नही जाएगा, तक तक गाड़ी स्टार्ट ही नहीं होगी।
ऐश्वर्य ने बताया कि बिहार में शराबबंदी के बाद शराबी को पकड़ने के लिए ब्रेथलाइजर मशीन को मुंह में लगाया जाता है। लेकिन इस मशीन में मुंह लगाने की जरूरत ही नहीं है। सिर्फ सांस के बदबू से ही अल्कोहल को डिटेक्ट किया जा सकता है, जो अल्कोहल का लेबल भी बताएगा। उन्होंने बताया कि अगर सरकार इस प्रोजेक्ट पर काम करे तो महज आठ से नौ सौ रुपये में मशीन बनाकर वाहनों में लगा सकती है।