सदर अस्पताल में एड्स रोगियों के लिए खुलेगा एआरटी सेंटर
पूर्णिया। कोसी-सीमांचल के एड्स रोगियों को अब दवा के लिए भागलपुर और कटिहार का चक्कर नह
पूर्णिया। कोसी-सीमांचल के एड्स रोगियों को अब दवा के लिए भागलपुर और कटिहार का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) के अंतर्गत संचालित होने वाले एंटी रेट्रोवायरल सेटर (एआरटी) अब सदर अस्पताल पूर्णिया में भी काम करेगा।
इसका संचालन एएनएम स्कूल के ग्राउंड फ्लोर पर किया जाएगा। दवा के लिए सीडी चार जांच की सुविधा इस सेटर में उपलब्ध होगी। नाको के निर्देशक डॉ. एके गुप्ता ने सदर अस्पताल में सेटर की मंजूरी दे दी है।
खुलेगा राज्य का 17वां एआरटी सेंटर
फिलहाल सदर अस्पताल में केवल एचआइवी जाच की सुविधा है। सदर अस्पताल में 2008 में एक बार लिंक एआरटी सेटर का संचालन किया गया था लेकिन यह बंद हो गया। अब सूबे का 17 वां और सीमांचल एवं कोसी में कटिहार के बाद यह दूसरा एआरटी सेटर जिला मुख्यालय में होने से मरीज जांच के बाद नियमित दवा ले सकेंगे।
सीडी-4 से होता दवा की खुराक का निर्धारण
एड्स की पहचान होने के बाद दवा की खुराक निर्धारित करने के लिए सीडी-4 जांच की जाती है। इसके तहत रोगी का वजन, उम्र, प्रतिरोधक क्षमता आदि की जांच होती है।
बढ़ रही है रोगियों की संख्या
जिले में अभी 113 एडस रोगी चिह्नित हैं जो नियमित दवा लेते हैं। यह संख्या बढ़ती ही जा रही है। 2015 में 55 रोगी एचआइवी पॉजिटिव थे। 2016 में 76 नये रोगियों में इस बीमारी की पहचान हुई थी। 2017 में रोगियों की संख्या 133 थी। 2018 113 रोगी की पहचान हो चुकी है।
जानकारी ही बचाव का एकमात्र उपाय
यह बीमारी अभी लाइलाज है। सावधानी के साथ सही जानकारी ही इससे बचाव का एकमात्र उपाय है। संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध, पॉजिटिव मरीज के निडिल का इस्तेमाल, एक ही निडिल से कई लोगों को ड्रग्स देना, खून चढ़ाने आदि के माध्यम से इसके फैलने की आशका रहती है। ऐसे मौके पर जागरूक रहकर परहेज से ही इस बीमारी से बचा जा सकता है।
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कोट के लिए -
सदर अस्पताल में एड्स रोगियों को दवा उपलब्ध नहीं होती थी। एआरटी सेटर का संचालन होने से रोगियों को दवा उपलब्ध होगी।
डॉ. मधुसूदन प्रसाद, सिविल सर्जन