एसपी साहब, आखिर चार घंटे तक कहां थी महिला पुलिस
पूर्णिया। बीएसएफ में कार्यरत एक जवान द्वारा अपनी पत्नी की हत्या कर उसके शव को ठिकाने लगाने के प्रयास
पूर्णिया। बीएसएफ में कार्यरत एक जवान द्वारा अपनी पत्नी की हत्या कर उसके शव को ठिकाने लगाने के प्रयास में लड़की के परिजन द्वारा पकड़े जाने के बाद आक्रोशित परिजन ने जमकर हंगामा मचाया। आक्रोशित लोग दोपहर बाद ही इस मामले को लेकर सड़क पर उतर गए थे जिसमें महिलाओं की संख्या काफी ज्यादा थी मगर हंगामा कर रही महिलाओं को नियंत्रित करने के लिए कहीं भी महिला पुलिस की जवान नहीं दिखी। जिस कारण इन महिलाओं ने चार घंटे तक जमकर बबाल काटा। महिलाएं थाने में हंगामा मचाती रही और पुलिस मूकदर्शक बन कर तमाशा देखती रही। महिला पुलिस के जवान उस वक्त बड़ी संख्या में केहाट थाने में दिखी जब सब कुछ समाप्त हो गया था। हंगामा कर रही महिलाओं को पुलिस के जवान दौड़ा-दौड़ा कर पीट चुके थे। थाने में मौजूद पुलिस के जवानों ने महिलाओं को पकड़ने के बाद घसीटते हुए थाने के हाजत तक लाया। इस घटना ने पुलिस के चेहरे को एक बार फिर उजागर कर दिया है। बताया जाता है कि इस घटना को लेकर पुलिस के आला अधिकारियों ने गंभीरता दिखाई ही नहीं अन्यथा हालात इतने बदतर नहीं होते। आक्रोशित लोग दिन के तीन बजे तक आरोपित पति को अपने कब्जे में लेने की मांग को लेकर हंगामा करते रहे लेकिन मु्ख्यालय में बैठे किसी अधिकारी ने झांकने तक की फुर्सत नहीं निकाली। केहाट थाने को जब बड़ी संख्या में आक्रोशित लोगों ने घेर लिया उसके बाद भी पुलिस के आला अधिकारी अंजान बने रहे। जब स्थिति बदतर हो गई और उग्र भीड़ थाने में लगे मुख्य द्वार को तोड़ने का प्रयास करने लगी तब आनन फानन में सदर डीएसपी एवं मुख्यालय डीएसपी पहुंचे। तब तक तो बहुत देर हो चुकी थी। शायद पुलिस इसी का इंतजार कर रही थी कि हालत बिगड़े और वह लोगों पर लाठियां बरसाए। उग्र लोगों ने जब थाने में तोड़फोड़ शुरू की तो पुलिस ने अपना असली चेहरा दिखलाया और सड़क पर जा रहे कई निर्दोष लोगों को भी पकड़कर पहले तो जमकर पीटा फिर थाने की हाजत में बंद कर दिया। पकड़े गए लोगों की पुलिस ने बड़ी ही बेरहमी से पिटाई की। लाठी-डंडे के अलावा पिटाई के लिए पुलिस ने लात-घूसों का भी सहारा लिया।