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सदर अस्पताल में डेंगू के दो मरीज भर्ती, एक रेफर

सितंबर का महीना शुरू होते ही डेंगू का प्रकोप शुरू हो जाता है। इस बार भी इस माह के शुरूआत से ही डेंगू के अबतक तीन मरीज की पहचान हो चुकी है। मंगलवार को भी एक मरीज मो. इब्राहिम की भर्ती सदर अस्पताल के संक्रमण वार्ड में की गई है उसके पिता का नाम मो. अकबर है। मो. ईब्राहिम केनगर मूगल टोली का रहने वाला है। एक दिन पहले ही वह दिल्ली से लौटा है। उसको तेज बुखार और उल्टी की शिकायत है। दिल्ली से रवाना होने से पहले ही वह बुखार की चपेट में आ गया था।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 09:50 PM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 09:50 PM (IST)
सदर अस्पताल में डेंगू के दो मरीज भर्ती, एक रेफर
सदर अस्पताल में डेंगू के दो मरीज भर्ती, एक रेफर

पूर्णिया। सितंबर का महीना शुरू होते ही डेंगू का प्रकोप शुरू हो जाता है। इस बार भी इस माह की शुरुआत से ही डेंगू के अबतक तीन मरीज की पहचान हो चुकी है। मंगलवार को भी एक मरीज मु. इब्राहिम की भर्ती सदर अस्पताल के संक्रमण वार्ड में की गई है उसके पिता का नाम मु. अकबर है। मु. इब्राहिम केनगर मूगल टोली का रहने वाला है। एक दिन पहले ही वह दिल्ली से लौटा है। उसको तेज बुखार और उल्टी की शिकायत है। दिल्ली से रवाना होने से पहले ही वह बुखार की चपेट में आ गया था। जांच के बाद उसमें डेंगू की पुष्टि हुई थी। मंगलवार को संक्रमण वार्ड में भर्ती किया गया जहां उसका इलाज चल रहा है। दूसरा मरीज ताहिर अंसारी है जिसके पिता का नाम सफीक अंसारी है। वह रानीपतरा के वीरपुर लखड़ा का रहने वाला है। उसका प्लेटलेट्स चालीस हजार तक पहुंचने के बाद भागलपुर रेफर कर दिया गया है। उसको सोमवार शाम को रेफर किया गया है। डेंगू के एक और मरीज की भर्ती सदर अस्पताल में की गई थी जिसे दो दिन पहले ही रेफर कर दिया गया है। वह कटिहार जिले के कोढ़ा प्रखंड का रहने वाला था। उसका नाम प्रवीण कुमार और पिता का नाम राज कुमार शर्मा है। जिला स्वास्थ्य समिति के इपिडीमियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला का कहना है कि डेंगू से घबराने की दरकार नहीं है। इसके लिए सावधानी बरतनी जरूरी है। चिकित्सक के सलाह के बिना कोई दवा नहीं लें। इसमें केवल पारासिटामोल की दवा चिकित्सक देते हैं। डेंगू होने के बाद चिकित्सक की निगरानी जरूरी है।

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आरडी जांच नहीं है प्रमाणिक

नीरज कुमार निराला का कहना है कि डेंगू के लिए एलिजा आधारित जांच किट से जांच की जानी चाहिए। इसके लिए आरडी जांच जो बाहर के निजी लैब में किया जा रहा है वह प्रमाणिक नहीं है। आरडी रेपिड डायग्नॉस्टिक जांच कहलता है जिसे स्वास्थ्य विभाग प्रमाणिक नहीं मानता है। डेंगू जांच के लिए एलिजा आधारित जांच किट से जांच ही प्रमाणिक है।

क्या है डेंगू के लक्षण

डेंगू में अकस्मात आंख के पीछे तेज दर्द होता है। तेज बुखार रहता है। मांसपेशी और जोड़ों में दर्द के साथ उल्टी और जी मिचलना आदि प्रमुख लक्षण हैं। गंभीरतम स्थिति में शरीर में लाल-लाल दाना आना और मसूड़ों से खून आना शामिल है।

डेंगू होने पर क्या करें

डेंगू के लक्षण महसूस दिखने पर मरीज को तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। लापरवाही खतरनाक हो सकती है। तरल पदार्थ का सेवन अधिक करें। मरीज को आईसोलेशन में रखें। बिना चिकित्सक की सलाह के दवा नहीं लें।

इसमें दर्द निवारक दवा का इस्तेमाल ना करें

डेंगू होने पर शरीर और आंख के पीछे तेज दर्द होता है। दर्द के बावजूद दर्द निवारक दवा नहीं लेनी चाहिए। इसमें चिकित्सक की सलाह के बिना कोई दवा नहीं लेनी चाहिए। इसकी कोई अलग दवा नहीं आती है। तेज बुखार के लिए केवल पारासिटामोल का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें प्लेटलेट्स बाराबर काउंट कराना होता है। प्लेटलेट्स घटने पर खतरा बढ़ जाता है।

डेंगू से बचाव के लिए क्या करें

पानी आवास के आसपास जमा नहीं हो इसका ख्याल रखें। टंकी आदि को ढंक कर रखें। घर में कूलर और गमला या घर के आसपास पानी जमा नहीं होने दें। मच्छरदानी लगाकर सोयें। डेंगू का मच्छर दिन में ही काटता है।


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