ये हैं चार हजारी मां... इनकी आंचल तले पलते हैं चार हजार बच्चे
पूर्णिया के सदर अस्पताल में नर्स के रूप में कार्यरत पीबी रमानम्मा जो खुद तो दो ही बच्चों की मां हैं लेकिन उनकी ममता की आंचल की छांव तले चार हजार बच्चे पलते हैं। जानिए...
पूर्णिया [दीपक शरण]। अपनी कोख से तो महज दो बच्चों की मां हैं, लेकिन इनकी ममता के आंचल तले अब तक चार हजार बच्चों ने नवजीवन पाया है। ममता की यह प्रतिमूर्ति हैं पीबी रमानाम्मा। पूर्णिया स्थित सदर अस्पताल के स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) वार्ड की प्रभारी परिचारिका।
इनके सेवा-भाव और उल्लेखनीय काम की सर्वत्र सराहना हो रही। वह नाइटेंगल अवार्ड के लिए नामित की गई हैं। नर्सिंग क्षेत्र में मिलने वाला यह सबसे बड़ा सम्मान है और बिहार से नामित होने वाली एकमात्र रमानाम्मा।
कभी डॉक्टर बनने की थी तमन्ना
रमानाम्मा मूल रूप से आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम की रहने वाली हैं। पिता किसान हैं और मां गृहिणी। बचपन से डॉक्टर बनने की तमन्ना थी, लेकिन घर के हालात ने इजाजत नहीं दी। अंतत : विशाखापत्तनम स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से नर्सिंग में डिप्लोमा की पढ़ाई पूरी की। सन् 2002 में बिहार चली आईं और तब से बतौर नर्स मरीजों की सेवा कर रहीं। पति से प्रोत्साहन मिलता है।
आठों पहर किलकारी की हसरत
सीमांचल में शिशु मृत्यु दर की स्थिति चिंताजनक है। पूर्णिया में प्रति हजार 53 शिशु की मौत हो जाती है। कटिहार में 52, अररिया में 51 और किशनगंज में एक हजार नवजात में से 56 की मौत जन्म के 24 घंटे के अंदर हो जाती है।
शिशु मृत्यु दर कम करने के लिहाज से एसएनसीयू वार्ड की स्थापना की गई। रमानाम्मा को 2014 में प्रभारी परिचारिका नियुक्त किया गया। उस समय से अब तक इस वार्ड में 4199 नवजात ने नवजीवन पाया है। इसका बड़ा श्रेय रमानाम्मा को जाता है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय भी सेवा-भाव से अभिभूत रहे। एसएनसीयू वार्ड के निरीक्षण के दौरान उन्होंने जमकर रमानाम्मा की तारीफ की थी।
प्रयास और प्रतिबद्धता
'मेरे वार्ड से अपने स्वस्थ शिशु को गोद में लेकर जब कोई मां घर की राह निकलती है तो मेरी आंखें जुड़ा जाती हैं। मुझे लगता है कि जैसे मेरी कोख आबाद हो गई हो। मेरी एकमात्र कामना हर नवजात और शिुश को स्वझस्थ देखने की है। अपना दम रहते भर मैं बच्चों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हूं।
'पीबी रमानाम्मा, नर्स, सदर अस्पताल, पूर्णिया।
प्रशंसा और प्रेरणा
नर्स पीबी रमानाम्मा अस्पताल में मरीजों को बेहतर सेवा दे रही हैं। सदर अस्पताल की इस परिचारिका को नाइटेंगल अवार्ड के लिए नामित किया जाना गर्व की बात है। रमानाम्मा दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए भी मिसाल है।
- डॉ. एमएम वसीम, सिविल सर्जन, पूर्णिया