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रिमांड होम डबल मर्डर का मास्‍टरमाइंड गिरफ्तार, बताया- 25 लाख की दी थी सुपारी

पूर्णिया में दो दिनों पहले हुए रिमांड होम डबल मर्डर कांड का खुलासा हो गया है। कांड के गिरफ्तार मास्‍टरमाइंड ने कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। आप भी जानिए।

By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 10:25 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 07:53 PM (IST)
रिमांड होम डबल मर्डर का मास्‍टरमाइंड गिरफ्तार, बताया- 25 लाख की दी थी सुपारी
रिमांड होम डबल मर्डर का मास्‍टरमाइंड गिरफ्तार, बताया- 25 लाख की दी थी सुपारी

पूर्णिया [जेएनएन]। बाल सुधार गृह (रिमांड होम) से निष्कासित हाउस फादर अमर कुमार झा ने कार्यरत हाउस फादर विजेंद्र कुमार और बाल बंदी की हत्या के लिए बाल बंदियों को 25 लाख की सुपारी दी थी। उसने बंदियों को हथियार उपलब्ध कराने के अलावा नेपाल फरार होने के लिए गाड़ी भी उपलब्ध कराई। इसका खुलासा कांड के मास्‍टरमाइंड अमर कुमार झा की गिरफ्तारी के साथ हो गया है। अब पुलिस फरार पांचों बाल बंदियों को पकडऩे के लिए नेपाल रवाना हो गई है।

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मिली जानकारी के अनुसार पुलिस पड़ताल में जब रिमांड होम के पूर्व हाउस फादर अमर कुमार झा की गतिविधियां संदिग्‍ध लगीं तो उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया गया। उसने कांड में अपनी संलिप्‍तता स्‍वीकार कर ली। एसपी विशाल शर्मा ने बताया कि घटना के दिन अमर कुमार झा ने अपने सहयोगियों की मदद से बाल सुधार गृह के अंदर हथियार पहुंचवाया था। गिरफ्तार आरोपित वहां की सुरक्षा-व्यवस्था से पूर्व से अवगत था, इसलिए आसानी से उसने सारी घटनाओं को अंजाम दिया। घटना को अंजाम देने वाले बाल बंदियों का सहयोग करने वाले एक व्यक्ति सूरज कुमार एवं अन्य लोगों की पहचान कर कार्रवाई की जा रही है।

बदला लेने की नीयत से कराई गई हत्या

अपने निष्कासन का बदला लेने के लिए अमर कुमार झा ने बाल सुधार गृह में दो हत्याएं करवाई थीं। उसके खिलाफ एक बाल बंदी ने 22 जून को किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी को आवेदन देकर इलाज के बहाने दो बाल बंदियों को घर घुमाने की शिकायत की थी। बाल बंदी की शिकायत पर अमर कुमार झा को निष्कासित कर दिया गया था और उस जगह पर विजेंद्र कुमार को हाउस फादर नियुक्त किया गया था। इसी बाल बंदी की हत्या की गई।

25 लाख की दी सुपारी, नेपाल भागने में की मदद

अनुसंधान में संलिप्तता सामने आने के बाद अमर भागने के फेर में था, लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बताया जाता है कि उसने घटना के लिए 25 लाख की सुपारी देना स्वीकार किया है। उसने घटना को अंजाम देने वाले बाल बंदियों को नेपाल में ठहरने के लिए उसने तीन लाख रुपये उपलब्ध कराए थे। पहली किस्त घटना के पहले दी गई और दूसरी किस्त घटना के बाद नेपाल में दी गई, ताकि आरोपित बाल बंदियों को वहां रहने में कोई परेशानी नहीं हो।

बाल बंदियों को दिए फोन

बर्खास्त हाउस फादर एवं बाल बंदियों के कॉल डिटेल में यह भी खुलासा हुआ है कि वह बाल सुधार गृह में रह रहे पांचों बाल बंदियों से लगातार फोन के माध्यम से संपर्क में था। उसने ही तीन मोबाइल फोन बाल बंदियों को उपलब्ध कराए थे।

किराए के वाहन से भागे नेपाल

बताया जाता है कि घटना को अंजाम देने के बाद बाल सुधार गृह से फरार होने के लिए बाल बंदियों एवं अमर कुमार झा ने सात लोगों से वाहन की मांग की। किसी के द्वारा वाहन नहीं उपलब्ध कराने के बाद किराये पर वाहन लिया गया। फरार होने के लिए वाहन का इंतजाम डीआइजी चौक निवासी सूरज ने  कराया। घटना को अंजाम देने के बाद इनोवा पर सवार होकर पांचों बाल बंदी नेपाल के लिए रवाना हो गए। अमर कुमार झा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब नेपाल में शरण लेने वाले पांचों बाल बंदियों की खोज के लिए नेपाल रवाना हो गई है।


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