Move to Jagran APP

PU के बीएड कॉलेज में 'जीरो सेशन', 110 साल के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा

देश के तीसरे सबसे पुराने पटना ट्रेनिंग कॉलेज के 110 साल के इतिहास में पहली बार जीरो सेशन होगा। ट्रेनिंग कॉलेज की मान्यता 2010 के आधार पर रद की गई है।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Tue, 22 May 2018 05:08 PM (IST)Updated: Tue, 22 May 2018 10:01 PM (IST)
PU के बीएड कॉलेज में 'जीरो सेशन', 110 साल के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा
PU के बीएड कॉलेज में 'जीरो सेशन', 110 साल के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा

पटना [जेएनएन]। देश के तीसरे सबसे पुराने शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज (पटना ट्रेनिंग कॉलेज) के बीएड कोर्स में सत्र 2018-19 में जीरो सेशन होगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् (एनसीटीई) से मान्यता रद होने के कारण नामांकन अब संभव प्रतीत नहीं हो रहा है।

loksabha election banner

एनसीटीई के अधिकारियों के अनुसार पिछले वर्ष अक्टूबर में ही मान्यता रद करने का पत्र विश्वविद्यालय प्रबंधन सहित शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारियों को भेज दिया गया था। नियम के अनुसार पत्र मिलने के 60 दिनों के अंदर विश्वविद्यालय को कमियों के बाबत अपील करना था। लेकिन, अभी तक अपील का पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार एक जुलाई से सेशन प्रारंभ होना है। अब अपील करने के बाद भी सत्र 2018-19 के लिए मान्यता प्रदान करना संभव नहीं है। स्थायी शिक्षकों की कमी और मानक के अनुरूप योग्यता के प्राचार्य नहीं होने के कारण मान्यता रद की गई थी। वर्तमान प्राचार्य मानक के अनुरूप योग्यता रखते हैं। लेकिन, स्थायी शिक्षकों का समाधान अभी तक नहीं हो सका है।  

अपील की तैयारी में जुटा पीयू प्रबंधन

पटना ट्रेनिंग कॉलेज और वीमेंस ट्रेनिंग कॉलेज की मान्यता बहाल कराने के लिए अपील की तैयारी में पीयू प्रबंधन जुट गया है। कुलपति प्रो. रासबिहारी प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को अपील के बिंदुओं पर विमर्श के लिए बैठक हुई। इसमें शिक्षा विभाग से मिली अनुमति के अनुसार 30 अस्थायी सहायक प्राध्यापक के लिए 22 मई से ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करने का निर्णय लिया गया। पांच जून तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। पीयू पदाधिकारियों का भी कहना है कि शिक्षा विभाग से अस्थायी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए मार्च में ही अनुमति मांगी गई थी। देर से अनुमति मिलने के कारण अब अपील की प्रक्रिया देर से शुरू हुई।

2010 के आधार रद की गई मान्यता

पटना ट्रेनिंग कॉलेज की मान्यता 2010 के आधार पर रद की गई है। जबकि 2015-16 में एनसीटीई ने सीटों की संख्या 90 से बढ़ाकर 100 कर दी थी। 2017 में कॉलेज का नैक मूल्यांकन कराया गया था। इसमें 'बीÓ ग्रेड मिला था। एनसीटीई के अधिकारियों का कहना है कि शिक्षकों की कमी के कारण मान्यता रद करने का पत्र 2010 से विश्वविद्यालय को जारी किया जा रहा है। बावजूद इसके 2018 तक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है। 

1908 का है पटना ट्रेनिंग कॉलेज

देश का प्रथम शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज 1906 में बॉम्बे में खोला गया था। पीयू की स्मारिका के अनुसार 1908 में लॉर्ड कर्जन ने कोलकाता और पटना में एक साथ प्रशिक्षण संस्थान खोला था। इसके बाद 1910 में ढाका में कॉलेज खोला गया था। पहले प्राचार्य जेपी ब्लेयर थे। 1947 के पहले तक सभी प्रिंसिपल अंग्रेज ही थे। 1935 में एमएड का कोर्स प्रारंभ कर दिया गया था।

पटना ट्रेनिंग कॉलेज की मान्यता बहाल कराने के लिए विश्वविद्यालय अपने स्तर से हर संभव कदम उठा रहा है। इसके गौरव पूर्ण अतीत को देखते हुए एनसीटीई से अपील की जाएगी।

- प्रो. रासबिहारी प्रसाद सिंह, कुलपति, पटना विश्वविद्यालय


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.