बिहारः तीन दिन से घर में सड़ रहे शव को युवाओं ने दफनाया, पड़ोसियों ने दे दिया नियम का हवाला
नालंदा में सामाजिक संगठन एसडीपीआई ने तीन दिन से घर में सड़ रहे शव को दफनाया। पहले पड़ोसियों ने असमर्थता जताई फिर शव दफनाने वालों पर ही नियम उल्लंघन का आरोप लगा दिया। घटना खानकाह मोहल्ले की है।
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ: बिहारशरीफ के खानकाह मोहल्ले में एक व्यक्ति का शव तीन दिन तक सड़ता रहा। शव की बदबू से आस-पड़ोस के लोगों का जीना मुहाल हो गया तो सुध ली गई। किसी ने सामाजिक संगठन एसडीपीआई के शमीम अख्तर को सूचना दी। वे पूरी टीम के साथ पहुंचे और शव को गगनदीवान मोहल्ले में स्थित कब्रिस्तान में दफना दिया। मृतक उक्त मोहल्ला निवासी मो.मुससु था। शमीम अख्तर ने बताया कि मृतक का कोई नाते-रिश्तेदार सामने नहीं आया। अकेले कमरे में निधन के बाद उसका शव पड़ा था। कितनी अजीब बात है कि इतनी बड़ी आबादी में किसी ने तीन दिनों तक अपने पड़ोसी के बारे में जानने की कोशिश तक नहीं की। एक इंसान खामोशी से गुजर गया। मौत की वजह स्पष्ट नहीं है। पड़ोसियों के मुताबिक वे बीमार चल रहे थे।
शव ले जाने के बाद करने लगे हंगामा
बात इतने पर खत्म नहीं हुई। जीते जी तो किसी ने मो. मुसुसु की फिक्र नहीं की, शव दफन करने के बाद भी वहां के कुछ लोगों ने जनाजे को लेकर जाने वाली खाट के लिए हंगामा करना शुरू कर दिया। कहने लगे, किसकी इजाजत से शव लाने के लिए खाट दी गई। अफसोस आता है कि ऐसे वक्त में जब समाज को सभी के लिए बिना भेदभाव के आगे आना चाहिए, वहीं कुछ लोग खाट के लिए आपत्ति जता रहे हैं। शव सड़ता रहा मगर किसी को कोई फिक्र नहीं थी और खाट के लिए विरोध कर रहे थे। शमीम अख्तर ने लोगों से गुजारिश की है कि किसी जनाजे के साथ ऐसा न करें। इस महामारी में निकट संबंधी भी दूर हो चले हैं, ऐसे वक्त में अगर हम किसी के काम आते हैं तो इसमें बुराई क्या है।