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Lok Sabha Election Phase IV Voting: क्‍या पार लगेगी कन्‍हैया की नैया या गिरिराज खिलाएंगे कमल?

Lok Sabha Election Phase IV Voting भाकपा के कन्‍हैया व भाजपा के गिरिराज सिंह के मुकाबले के कारण बिहार की बेगूसराय सीट पर सबकी नजर है। यहां के समीकरणों पर आइए डालते हैं नजर।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 29 Apr 2019 08:59 AM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2019 09:55 PM (IST)
Lok Sabha Election Phase IV Voting: क्‍या पार लगेगी कन्‍हैया की नैया या गिरिराज खिलाएंगे कमल?
Lok Sabha Election Phase IV Voting: क्‍या पार लगेगी कन्‍हैया की नैया या गिरिराज खिलाएंगे कमल?

पटना [अमित आलोक]। बिहार में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण मतदान साेमवार को संपन्‍न हो गया। इस चरण में सबसे हॉट सीट है बेगूसराय, जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के फायरब्रांड नेता व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह तथा जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्‍यक्ष व भारतीय कम्‍युनिष्‍ट पार्टी (भाकपा) नेता कन्हैया कुमार आमने-समाने हैं। सवाल यह है कि क्‍या बेगसराय में कन्हैया की नैया पार लगेगी या गिरिराज सिंह कमल खिलाएंगे?
मुकाबला त्रिकोणीय
बेगूसराय में भाकपा प्रत्‍याशी कन्‍हैया कुमार के मुकाबले भाजपा के गिरिराज सिंह हैं। महागठबंधन के राजद प्रत्‍याशी तनवीर हसन भी हैं। मुकाबला इन्‍हीं तीनों के बीच बताया जा रहा है। तनवीर हसन गत लोकसभा चुनाव में भी यहां से मैदान में थे। तब वे भाजपा के भोला सिंह से 58,000 वोटों से पराजित हो गए थे।
भूमिहार वोट बंटने की आशंका
कन्‍हैया देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा विरोध का आइकॉन बन चुके हैं। वे बेगूसराय के ही मूल निवासी हैं। वे यहां से अपनी सियासी शुरूआत भी कर रहे हैं। उनके मुकाबले में खड़े भाजपा के दिग्‍गज गिरिराज सिंह हैं, पहले नवादा से सांसद थे। वे बेगूसराय से पहली बार मैदान में हैं। दोनों भूमिहार समुदाय से हैं, जिसकी यहां अच्‍छी तादाद है। इस लड़ाई में भूमिहार वोटों के बंटने की आशंका दोनों को है।  2009 में मोनाजिर हसन को छोड़ दें तो अब तक बेगूसराय सीट पर भूमिहार नेता ही सांसद चुने गए हैं।
कन्‍हैया को भाजपा विरोधी वोटों पर भरोसा
हालांकि, कन्‍हैया को भाजपा विरोधी वोटों पर भरोसा है। गिरिराज के खिलाफ उन्‍होंने स्‍थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा भी उठाया है। उधर, तनवीर हसन को राजद के परंपरागत एम-वाइ (मुस्लिम-यादव) समीकरण के वोट मिलने की उम्‍मीद है। यहां यादव और मुसलमान वोटर निर्णायक हैसियत में हैं।
घर का बेटा बनाम बाहरी भी मुद्दा
गिरिराज सिंह पिछली बार नवादा से विजयी रहे थे। राजग में वह सीट इस बार लोजपा के खाते में चली गई। बेगूसराय से विजयी रहे भाजपा सांसद डॉ. भोला सिंह का देहांत हो गया। ऐसे में गिरिराज यहां शिफ्ट किए गए। ऐसे में यहां घर का बेटा बनाम बाहरी भी एक मुद्दा है। यह फैक्‍टर कन्‍हैया के पक्ष में जाता दिख रहा है।
भाजपा के राष्‍ट्रवाद के मुद्दे का लाभ
उधर,गिरिराज सिंह के पक्ष में भाजपा का राष्‍ट्रवाद का मुद्दा है। भाजपा कन्हैया पर लगे देशद्रोह के अारोप को भी उछालती रही है। कन्हैया इसे फर्जी राष्ट्रवाद घोषित करते हैं। वे अपनी लड़़ाई लूटतंत्र, भीड़ तंत्र और नोट तंत्र के खिलाफ बताते रहे हैं, लेकिन गिरिराज को उनके उग्र राष्‍ट्रवादी तेवर का लाभ मिल सकता है।

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वोटिंग संपन्‍न, अब नजरें जनता के फैसले पर
बहरहाल, बेगूसराय में वोटिंग संपन्‍न हाेने केबाद अब नजरें मतगणना पर है। गत चुनाव की 60.6 फीसद वोटिंग की तुलना में इस बार अच्‍छी वोटिंग हुई। लड़ाई कांटे की है, इसलिए हार-जीत को लेकर कुछ कहना संभव नहीं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजे
- डॉ. भोला सिंह (भाजपा) : 428227 वोट (विजयी)
- डॉ. तनवीर हसन (राजद) : 369892 वोट
- राजेंद्र प्रसाद सिंह (भाकपा): 192639 वोट
वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव के नतीजे
- डॉ. मोनाजिर हसन (जदयू): 205680 वोट (विजयी)
- शत्रुघ्न प्रसाद सिंह (भाकपा): 164843 वोट
- अनिल चौधरी (लोजपा): 121786 वोट


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