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भगवान बुद्ध के उपासकों और शाेधार्थियों को वैशाली में मिलेगा एक और ठौर, बन रहा विश्‍व स्‍तरीय संग्रहालय

भगवान बुद्ध को जानने-समझने की चाह रखने वालों को बिहार के वैशाली जिले में एक बेहतरीन ठिकाना मिलने जा रहा है। यहां विश्‍व स्‍तरीय संग्रहालय बनाया जा रहा है। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की इस पर‍ियोजना में गहरी रुचि है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 09:49 AM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 09:49 AM (IST)
भगवान बुद्ध के उपासकों और शाेधार्थियों को वैशाली में मिलेगा एक और ठौर, बन रहा विश्‍व स्‍तरीय संग्रहालय
बिहार के गया में स्थित महाबोधी मंदिर। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। वैशाली में करीब 301 करोड़ की लागत से बनने वाला बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्मृति स्तूप अंतरराष्ट्रीय मानकों वाला होगा। इसके प्रदर्शनी कक्ष के डिजाइन पर करीब 57 करोड़ रुपये खर्च होंगे जबकि फर्नीचर व अन्य सामग्रियों पर साढ़े तीन करोड़ की राशि खर्च होगी। कलाकृतियों के निर्माण में बिहार की लोक कलाओं की झलक दिखेगी। संग्रहालय निर्माण को लेकर पिछले दिनों कला, संस्कृति एवं युवा विभाग में समीक्षा बैठक में इस बात का निर्णय लिया गया। विभागीय सचिव वंदना प्रेयसी ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के बाद अफसरों को निर्देश दिया कि प्रदर्शन योजना में बच्चों, शिक्षाविद, पर्यटक एवं अन्य धर्मावलंबी समेत सभी वर्गों एवं समुदायों का ध्यान रखा जाए। बौद्ध संस्कृति एवं दर्शन के विभिन्न आयामों को भी प्रदर्शन योजना में शामिल किया जाए। कलाकृतियों एवं प्रदर्शों के निर्माण में बिहारी कलाकारों को मौका दिया जाए।

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समन्वय एवं तथ्यों की जांच को समिति गठित

सचिव ने प्रदर्शों एवं प्रदर्श योजना के समन्वय, तथ्यों की शुद्धता की जांच एवं प्रदर्शों की विषय वस्तु के तकनीकी अनुमोदन के लिए उच्चस्तरीय टीम का गठन करने को भी कहा। इसके सदस्यों के लिए राजगीर बुद्ध विहार सोसाइटी की सचिव महाश्वेता महारथी, बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति के सचिव एन दोर्जे, नेशनल गैलरी आफ मार्डन आर्ट नई दिल्ली के महानिदेशक अद्वैत गंडनायक व बिहार भवन निर्माण विभाग के मुख्य वास्तुविद अनिल कुमार का नाम प्रस्तावित किया गया।

जलजमाव के स्थायी निदान के लिए दिया निर्देश

सचिव ने संग्रहालय परिसर में जलजमाव की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए अफसरों को निर्देश दिया कि जलजमाव की समस्या का स्थायी निदान होना चाहिए। भवन निर्माण विभाग को सुनिश्चित करने को कहा गया कि ऐसी स्थिति भविष्य में दोबारा नहीं होगी। इसके लिए अन्य विभागों से समन्वय कर अविलंब कार्रवाई का निर्देश दिया गया। बैठक में संग्रहालय निदेशक दीपक कुमार समेत कई वरीय अधिकारी मौजूद थे।


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