अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस: Lockdown में छूट से सड़क पर बढ़ा गाडिय़ों का रेला, हवा फिर भी शुद्ध
लॉकडाउन के ढाई महीनों में पेट्रोल-डीजल की खपत आधी से भी कम रही नतीजा पटना की हवा सामान्य से भी ज्यादा साफ हो गई है।
पटना, जेएनएन। लॉकडाउन के ढाई महीनों ने पर्यावरण को नया 'जीवन' दे दिया है। इस दौरान पेट्रोल-डीजल की खपत आधी से भी कम रही, नतीजा पटना की जो हवा सांस लेने लायक नहीं थी, अब वह सामान्य से भी ज्यादा साफ हो गई है।
हवा में होता रहा उतार-चढ़ाव
लॉकडाउन के पूर्व 21 मार्च को राजधानी की हवा में सूक्ष्म धूलकण (पीएम 2.5) की मात्रा 106 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड की गई थी। यह पीएम 2.5 की सामान्य मात्रा 60 माइक्रोग्राम से लगभग दोगुनी थी। लॉकडाउन के बाद 16 अप्रैल को राजधानी की हवा में पीएम 2.5 की मात्रा 21.49 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर रिकॉर्ड किया गया। 28 अप्रैल को राजधानी में सबसे कम प्रदूषण की मात्रा रही। इस दिन शहर के वातावरण में पीएम 2.5 की मात्रा 8.93 माइक्रोग्राम प्रतिघन रही।
पटना में खपत (किलोलीटर में)
महीना डीजल पेट्रोल
फरवरी 24,991 12,060
मार्च 15,376 9,331
अप्रैल 8059 3,445
मई 17,719 7,128
लॉकडाउन में ढील के बाद बढऩे लगा धूलकण
लॉकडाउन में जैसे-जैसे ढील मिल रही है, हवा में धूलकण की मात्रा बढ़ती जा रही है। चार जून को राजधानी के वातावरण में प्रदूषण की मात्रा 28.57 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर रिकॉर्ड की गई है। विशेषज्ञों का कहना है लॉकडाउन में जैसे-जैसे छूट मिलेगी, प्रदूषण की मात्रा में वृद्धि होने की उम्मीद है। यह समय हवा में पीएम 2.5 की मात्रा को नियंत्रित रखने का है।
सबसे कम अप्रैल में पेट्रोल-डीजल की बिक्री
पेट्रोल-डीजल की सबसे कम खपत लॉकडाउन एक और दो में रही। इस अवधि के दौरान पटना में फरवरी के मुकाबले कई कंपनियों की पेट्रोल व डीजल की बिक्री 50 से 65 फीसद तक कम रही। रियायतें बढऩे के साथ लॉकडाउन तीन और चार में पेट्रोल-डीजल की खपत बढऩे लगी। जून में अनलॉक एक के बाद पेट्रोल पंप का व्यवसाय सामान्य होने लगा है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के चीफ मैनेजर सीसी, प्लानिंग एवं समन्वय वीणा कुमारी ने बताया कि अब खपत नॉर्मल हो गई है।