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World Asthma Day: श्वास रोगियों के लिए 'राहत' बना लॉकडाउन, अस्पतालों में घटी रोगियों की संख्या

कोरोना संक्रमण काल में लगे लॉकडाउन से अस्थमा रोगियों को राहत मिली है। अस्पतालों में न के बराबर अस्थमा रोगी पहुंच रहे हैं। पढ़ें विश्व अस्थमा (दमा) दिवस विशेष खबर।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 02:46 PM (IST)Updated: Tue, 05 May 2020 02:46 PM (IST)
World Asthma Day: श्वास रोगियों के लिए 'राहत' बना लॉकडाउन, अस्पतालों में घटी रोगियों की संख्या
World Asthma Day: श्वास रोगियों के लिए 'राहत' बना लॉकडाउन, अस्पतालों में घटी रोगियों की संख्या

पटना, जेएनएन। पांच मई यानी मंगलवार को मनाए जाने वाले विश्व अस्थमा (दमा) दिवस को इस साल याद रखना जरूरी है, क्योंकि कोरोना संक्रमण काल में लॉकडाउन से यह अस्थमा रोगियों के लिए राहत लाया है। अस्पतालों में न के बराबर अस्थमा रोगी पहुंच रहे हैं। हालांकि फेफड़ों या श्वसन तंत्र से जुड़ा होने के कारण कोरोना को अस्थमा रोगियों के लिए भी घातक माना जाता है।

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वाहन नहीं चलने से राहत

पीएमसीएच में चेस्ट व टीबी रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक शंकर सिंह और श्वास रोग विशेषज्ञ एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुभाष चंद्र झा के अनुसार बिहार में अस्थमा रोगियों का कोई आंकड़ा नहीं है लेकिन दवाओं की बढ़ती खपत से पता चलता है कि गत पांच वर्ष में अस्थमा रोगियों की संख्या तीन गुना बढ़ी है। अक्टूबर -नवंबर में हर दिन पीएमसीएच में सौ से अधिक तो अन्य महीनों में 60 से 70 रोगी हर दिन ओपीडी में आते हैं। करीब 12 गंभीर रोगी हर दिन इमरजेंसी में आते हैं। लॉकडाउन के बाद ओपीडी में 15 से 20 मरीज ही पहुंच रहे हैं। इमरजेंसी में अस्थमा रोगियों की संख्या नगण्य हो गई है। इसमें सबसे अहम भूमिका वाहन नहीं चलने से घटा प्रदूषण और घर से बाहर नहीं निकलने के कारण अन्य संक्रमण की चपेट में नहीं आना है।

क्या है अस्थमा

श्वास नली में सूजन या कोई ब्लॉकेज होने से फेफड़े में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है। इससे मरीज की सांस फूलने लगती है।

कोरोना संक्रमण के हो सकते हैं घातक परिणाम

कोरोना वायरस भी फेफड़ों को ही संक्रमित करता है। ऐसे में दमा रोगियों को कोरोना से बचने के लिए हर एहतियात का सावधानी से पालन करना चाहिए। दमा रोगियों को कोरोना से संक्रमित होने का खतरा अन्य लोगों के ही समान है लेकिन उनमें इसके परिणाम बहुत घातक हो सकते हैं।

अस्पतालों के श्वास विभाग

अस्पताल - डॉक्टर - पहले आने वाले रोगी - अब

- आइजीआइएमएस, 4, 80,  02

- पीएमसीएच, 6,    65,    20

- एनएमसीएच, 2,   30,  00

- एम्स,        3,   40,  08

आंकड़ों में अस्थमा रोग

- 05 वर्ष में तीन गुना हुई श्वास रोगियों की संख्या

- 20 करोड़ देश में है अस्थमा रोगियों की संख्या 

- 12 प्रतिशत शिशु देश में अस्थमा से पीडि़त

- 1.80 लाख लोगों की हर वर्ष दुनिया में इस रोग से होती मौत

दवा बाजार- एक नजर में

- 100 करोड़ का इन्हेलर व अन्य दवाओं का कारोबार बिहार में हर माह।

- 30 करोड़ के इन्हेलर और दवाओं की हर माह सिर्फ पटना में है खपत।

- 20 लाख रुपये के मास्क सिर्फ अक्टूबर-नवंबर में बिकते हैं पटना में।


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