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World AIDS Day: एचआइवी के खतरे से बच्‍चे भी नहीं बचे, सारण में हर रोज मिलते हैं एड्स पीड़‍ित

World AIDS Day जागरूकता के लिए तमाम अभियानों के बावजूद एचआइवी संक्रमण के मामलों पर नियंत्रण नहीं लड़कियों से अधिक लड़के हैं एड्स का शिकार सारण जिले में हर रोज मिल रहे एचआइवी के नए मरीज आंकड़े आपको भी कर देंगे हैरान

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 05:20 PM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 06:52 AM (IST)
World AIDS Day: एचआइवी के खतरे से बच्‍चे भी नहीं बचे, सारण में हर रोज मिलते हैं एड्स पीड़‍ित
World AIDS Day: सारण जिले में तेजी से बढ़ रहे एचआइवी के मरीज। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

छपरा, अमृतेश। सारण में मासूम बच्चे भी एचआइवी एड्स संक्रमण के शिकार हो रहे हैं। यहां के 386 बच्चे एड्स पीड़‍ित हैं। इनमें 233 लड़के एवं 153 लड़कियां हैं। इनकी उम्र एक साल से लेकर 15 साल के बीच है। इतना ही नहीं, उनमें 20 ऐसे बच्चे हैं, जिनकी उम्र एक साल से लेकर तीन साल तक है। इनका उपचार छपरा सदर अस्पताल के एआरटी सेंटर पर चल रहा है। वैसे जिले में एचआइवी के कुल 4552 मरीज हैं, जो एआरटी सेंटर पर नियमित रूप से दवा ले रहे हैं। एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस है। यह दिवस लोगों को एड्स के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। जागरूकता के अभाव में हर साल बड़ी संख्या में लोग इस रोग के शिकार हो रहे हैं। सारण जिले में ही सिर्फ वर्ष 2021 में 404 एड्स पीड़‍ित नए मरीज मिले हैं।

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  • 20 ऐसे एड्स पीड़‍ित बच्चे हैं, जिनकी उम्र एक से दो साल है
  • 404 नए एचआइवी एड्स पीड़‍ित मरीज मिले वर्ष 2021 में
  • 15 सौ रुपये प्रति माह एड्स पीड़‍ित मरीजों को देती है सरकार

सारण जिले में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या ज्यादा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जागरुकता अभियान चलाने के बाद भी लोग सावधानियां नहीं बरतते हैं। इस वजह से एचआइवी के पीड़‍ितों की संख्या बढ़ रही है। इनमें सबसे ज्यादा दूसरे राज्य में नौकरी की तलाश में गए लोग, ट्रक चालक और नशे के आदि लोग हैं। लोगों में इतनी जागरूकता जरूर आई है कि अब वे एचआइवी पाजिटिव होने या बीमारी का पता चलते ही एआरटी सेंटर से इलाज शुरू कराने लगे हैं। इस तरह उपचार से वे भी सामान्य लोगों की तरह जीवन जी रहे हैं।

यह बीमारी सिर्फ जागरूकता से ही रोकी जा सकती है। सरकार एड्स से पीड़‍ित मरीजों को बिहार शताब्दी एड्स योजना के तहत प्रतिमाह 15 सौ रुपये देती है। एआरटी सेंटर के वरीय चिक‍ित्‍सा पदाधिकारी डा. मकेश्वर प्रसाद चौधरी ने बताया कि जितनी भी गर्भवती माताएं होती है, उन्हें गर्भावस्था के दौरान एआरटी उपचार देकर होने वाले बच्चों को एचआइवी संक्रमित होने से बचाया जा सकता है। इसके लिए सभी गर्भवती माताओं को आकर समय पर चेकअप कराते रहना चाहिए, ताकि मासूम एचआइवी के शिकार न हो सकें।

वर्ष 2021 में किस महीने कितने नए एचआइवी मरीज मिले

  • जनवरी - 31
  • फरवरी - 33
  • मार्च - 35
  • अप्रैल - 32
  • मई - 19
  • जून - 38
  • जुलाई - 52
  • अगस्त - 47
  • सितंबर - 52
  • अक्टूबर - 32
  • नवंबर - 33

सारण में 10 साल में कितने एड्स मरीज मिले

  • वर्ष -  एड्स मरीजों की संख्या
  • 2012 - 1046
  • 2013 - 938
  • 2014 - 820
  • 2015 - 978
  • 2016 - 781
  • 2017 - 1067
  • 2018 - 943
  • 2019 - 749
  • 2020 - 452
  • 2021 - 404

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