आर्थिक सर्वेक्षण में खुलासा: बिहार में 33 फीसद अंगूठा छाप महिलाएं कर रहीं हस्ताक्षर
बिहार में शिक्षा व साक्षरता के क्षेत्र में बड़े काम हुए हैं। इसका खुलासा विधानमंडल में पेश आर्थिक सर्वेक्षण में हुआ है। इसके अनुसार अंगूठा लगाने वाली 33 फीसद महिलाएं अब साक्षर हैं।
पटना [राज्य ब्यूरो]। स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने को ले चल रही कवायद से जुड़ा एक आंकड़ा यह है कि समूह में शामिल लक्षित गांवों की 33 प्रतिशत से अधिक महिलाएं अपना नाम लिख सकती हैं और हस्ताक्षर कर सकती हैं। समूह में शामिल इन महिलाओं में से अधिकांश पहले अंगूठा लगाती थीं। इसका जिक्र सोमवार को बिहार विधानमंडल में पेश आर्थिक सर्वेक्षण रिपेार्ट में किया गया है।
अब साइनबोर्ड भी पढ़ रहीं
वर्ष 2017-18 के आर्थिक सर्वे में यह जानकारी दी गई है कि स्वयं सहायता समूह में शामिल महिलाओं के अंक ज्ञान और साक्षरता पर किए गए एक मूल्यांकन में यह पता चला कि गैर लक्षित गांवों की तुलना में लक्षित गांवों की चार प्रतिशत से अधिक महिलाएं बसों के नंबर और साइनबोर्ड पढ़ सकती हैं।
महिलाओं की आजादी बढ़ी
महिलाओं की आजादी पर किए गए एक मूल्यांकन में यह बात सामने आई कि लक्षित गांवों की पांच प्रतिशत से अधिक महिलाएं स्वास्थ्य केंद्रों पर गईं। तीन प्रतिशत से अधिक महिलाएं पड़ोसियों और रिश्तेदारों के घर गईं। पांच प्रतिशत से अधिक महिलाएं स्थानीय पंचायतों की बैठक में शामिल हुईं।
अधिक खर्चे वाले ऋण में कमी आई
बिहार ग्रामीण आजीविका परियोजना के 1,350 परिवारों पर किए एंडलाइन सर्वेक्षण के अनुसार पाया गया कि अभी दो प्रतिशत से कम परिवारों पर ऐसा ऋण बकाया है जिसकी ब्याज दर दो प्रतिशत से अधिक है। पूर्व में यह आंकड़ा 47 प्रतिशत था।