कोरोना वायरस के साथ अचानक बिहार में बढ़ गयी बूढो की भी संख्या, अधिकारी हुए हैरान, जानिए मामला
बिहार में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ अचानक से बिहार में बूढ़े लोगों की संख्या भी बढ़ गई है जो अधिकारियों के लिए हैरानी की बात है। जानिए पूरा मामला...
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। बिहार में डिजिटल लिट्रेसी पर होने वाले सेमिनारों में यह खूब कहा जाता रहा है कि इसे बढ़ाने पर काम करने की आवश्यकता है। तरह-तरह के उपायों पर बातें की जाती हैं, लेकिन कोरोना काल में इसका एक नया रंग भी दिखा है। वह भी शहरी नहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में। दो माह के भीतर बिहार के बुजुर्गों द्वारा मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन के लिए चार लाख नए आवेदन ऑनलाइन पोस्ट कर दिए गए हैैं। तीव्रता से बढ़ी इस संख्या पर अधिकारी भी हैरान हैैं।
मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना राज्य सरकार की योजना है। कोरोना काल में 23 मार्च को सरकार ने यह निर्णय लिया था कि एक साथ तीन महीने की पेंशन राशि सभी लाभुकों के बैैंक खाते में स्थानांतरित कर दी जाए। मई में विभाग के पास यह आंकड़ा था कि 18 लाख वृद्धों को पेंशन की राशि भेज दी गई है।
30 लाख तक जा सकती है दावेदारों की संख्या :
समाज कल्याण विभाग के अपर मुुख्य सचिव अतुल प्रसाद बताते हैैं कि पेंशन पाने के लिए जून में दो लाख नए अभ्यर्थी आ गए। इस बार हम 20 लाख वृद्धों के खाते में पेंशन राशि भेजी जा रही। मजेदार बात यह कि दो लाख और नए लोगों ने इस योजना के तहत पेंशन के लिए आवेदन कर दिया है। इस हिसाब से अगले महीने से संख्या 22 लाख हो जाएगी। फिलहाल विभाग यह मानकर चल रहा कि संख्या तीस लाख से अधिक जा सकती है।
चार से पांच सौ रुपये तक दिए जाने का प्रावधान :
मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के तहत लाभुकों को प्रति माह चार सौ से पांच सौ रुपये तक दिए जाने का प्रावधान है। 60 से 80 वर्ष की उम्र वालों को चार सौ रुपये प्रति माह पेंशन मिलती है। उससे ऊपर की उम्र वालों को मासिक पांच सौ रुपये। शर्त यह कि वे किसी दूसरे स्रोत से पेंशन नहीं ले रहे हों। पेंशन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जाता है। केवल आधार कार्ड और बैैंक खाते की जानकारी देनी पड़ती है। मुख्यालय स्तर से विभाग सत्यापन करा लेता है।