बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र: चार दिनों के सत्र में सिर्फ एक सवाल, बाकी बवाल
बिहार विधानसभा की कार्यवाही बुधवार को भी हंगामे की भेंट चढ़ गई। कुल पांच दिनों का सत्र है। चार दिन हंगामे में गुजर गए। इस दौरान सदन में बुधवार को सिर्फ एक सवाल पूछा गया।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार विधानसभा की कार्यवाही बुधवार को भी हंगामे की भेंट चढ़ गई। कुल पांच दिनों का सत्र है। चार दिन हंगामे में गुजर गए। इस दौरान सदन में बुधवार को सिर्फ एक सवाल पूछा गया, जिसका जवाब भी विपक्ष के हंगामे के बीच ही दिया गया। बाकी वक्त सिर्फ बवाल हुआ। सदन के बाहर भी और अंदर भी।
कई मुद्दों पर विरोधियों ने किया हंगामा
प्रथम सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले प्याज एवं विधि-व्यवस्था के मुद्दे पर पोर्टिको में राजद और माले सदस्यों ने प्रदर्शन किया। कार्यवाही शुरू हुई तो सदन में संयुक्त विपक्ष ने वेल में आकर हंगामा किया, जिसके चलते स्पीकर विजय कुमार चौधरी को पहली पाली की कार्यवाही को करीब आठ मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। पिछले चार दिनों में यह पहला मौका था, जब सरकार सदन में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक मिथिलेश तिवारी के एक सवाल का जवाब दे सकी।
विपक्ष केवल छोटे सत्र का लगाता है आरोप
संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि विपक्ष छोटे सत्र का आरोप लगाता है, किंतु सदन ही नहीं चलने देना है तो छोटे-बड़े सत्र का क्या मतलब है? सदन नियमानुसार चलता है। विपक्ष किसी मुद्दे पर कार्यस्थगन लाना चाहता है तो उसके लिए समय निर्धारित है। किंतु, प्रश्नकाल को बाधित करने का मतलब विपक्ष जनहित से जुड़े मुद्दों से पीछा छुड़ाना चाहता है। उसके पास जवाब सुनने के लिए वक्त नहीं है। अगर प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज हुआ है तो उसे भी उठाने का समय है।
प्याज का माला पहनकर आए
बिहार में महंगे प्याज के खिलाफ विपक्ष ने विरोध का नायाब तरीका निकाला। राजद विधायक शिवचंद्र राम प्याज का माला पहनकर विधानसभा पहुंचे। पहले पोर्टिको में प्रदर्शन किया और बाद में सदन में भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्याज की बढ़ती कीमतों से आमजन परेशान है, किंतु राज्य सरकार पर असर नहीं है। राजद विधायक भोला यादव, ललित यादव एवं भाई वीरेंद्र ने आरोप लगाया कि सरकार जनहित के मुद्दों से पीछा छुड़ाना चाह रही है।