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बिहार में इस साल एक महीने पहले अक्टूबर में ही ठंड की दस्तक, कोहरे से भी बढ़ेगी परेशानी

मानसून की सक्रियता ठंड के समय पूर्व आने की आहट दे रहा है। बारिश अधिक होने से हवा में नमी भी ज्यादा होगी। इससे कुहासा होगा जो ठंड लाएगा।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 08:08 AM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 08:08 AM (IST)
बिहार में इस साल एक महीने पहले अक्टूबर में ही ठंड की दस्तक, कोहरे से भी बढ़ेगी परेशानी
बिहार में इस साल एक महीने पहले अक्टूबर में ही ठंड की दस्तक, कोहरे से भी बढ़ेगी परेशानी

नीरज कुमार, पटना। सामान्य से अधिक दिनों तक मानसून की सक्रियता ठंड के समय पूर्व आने की आहट दे रही है। भारतीय मौसम विज्ञान अपने अध्ययन से स्पष्ट कर चुका है कि इस वर्ष मानसून सामान्य दिनों की तुलना में एक सप्ताह देर तक रहेगा जिससे ठंड पहले ही शुरू हो जाएगी। 

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6-7 अक्टूबर तक मानसून की हो सकती है अच्छी बारिश

पटना मौसम विज्ञान केंद्र की मानें तो 6-7 अक्टूबर तक मानसून की अच्छी बारिश हो सकती है। बिहार में सामान्यत:14 जून से 30 सितंबर तक मानसून की बारिश होती है। राजेंद्र केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डॉ. ए. सत्तार कहते हैं, इस वर्ष न केवल देर तक मानसून की, बल्कि सामान्य से ज्यादा बारिश होने की उम्मीद है। बारिश अधिक होने से हवा में नमी भी ज्यादा होगी। इससे कुहासा होगा, जो ठंड लाएगा। सामान्यत: नवंबर के प्रथम सप्ताह में ठंड की आहट मिलती है, इस वर्ष अक्टूबर के अंत तक दस्तक दे देगी। 

इस वर्ष देश से मानसून एक सप्ताह देर से लौटेगा

पटना मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विवेक सिन्हा कहते हैं, भारत मौसम विज्ञान केंद्र ने अपने अध्ययन में पाया है कि इस वर्ष देश से मानसून एक सप्ताह देर से लौटेगा। मानसून पश्चिमी हिस्से से लौटता है। देर होने का असर बिहार पर भी पड़ सकता है। 

पछुआ हवा लाती ठंड

मौसम विज्ञानियों का कहना है कि देश में ठंड हमेशा पश्चिम से दस्तक देती है। ठंड के दौरान देश में प्राय: पश्चिम से पूर्व की ओर हवा बहती है। खासकर साइबेरिया के बर्फीली पहाड़ों से हवा जब गुजरती है तो ठंड बढ़ जाती है। यही हवा पाकिस्तान के रास्ते भारत में प्रवेश करती है तो देश का उत्तरी हिस्सा ठंड की चपेट में आ जाता है।

मौसम में बदलाव के पैरामीटर 

-देश के मैदानी भाग की हवाओं की गति एवं दिशा 

-उत्तरी भारत एवं पूर्वी घाट का तापमान

-उत्तरी गोलाद्र्ध का तापमान

-हिंद महासागर पर हवाओं का दबाव 

-हिमालय एवं यूरेशिया में बर्फबारी 

-देश में पिछले दो वर्षों में अलनीनो का प्रभाव 


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