नहीं देना होगा आवेदन, अब लीव प्लानर एप से पुलिसकर्मियों को मिलेगी छुट्टी
अब इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही तक को छुट्टी के लिए सहूलियत मिलेगी। ट्रायल के तौर पर पटना पुलिस के लिए लीव प्लानर एप लांच किया है। ये एक महीने तक ट्रायल के रूप में काम करेगा।
पटना, जेएनएन। अब पटना के पुलिसकर्मियों को अवकाश के लिए अब आवेदन लेकर अधिकारियों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। अवकाश की व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए इसके पूरे प्रोसेस को ऑनलाइन कर दिया गया है। एसएसपी मनु महाराज ने पुलिस वालों के लिए लीव प्लानर एप लांच किया है। अब इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही तक को छुट्टी के लिए सहूलियत मिलेगी। ट्रायल के तौर पर यह एप एक महीने तक काम करेगा। सब कुछ सही रहा तो आगे भी इसी एप के जरिए पुलिसकर्मियों को अवकाश मिलेगा। इसके साथ ही पटना, लीव एप्लीकेशन बनाने वाला सूबे का पहला जिला बन गया है। बिहार पुलिस, एटीएस व एससीआरबी के लिए काम करने वाली कंपनी मिहू इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड ने इस काम का जिम्मा लिया है।
पहली बार अवकाश लेने वालों को भरना होगा फॉर्म
पहली बार अवकाश लेने वालों को एक फॉर्म भरना होगा। इसके बाद उन्हें एक कोड नंबर मिलेगा। फॉर्म में उस नंबर को भर कर पुलिस लाइन में बने कंट्रोल रूम में जमा करना होगा। एसएसपी ने बताया कि इसका उद्देश्य अवकाश को लेकर पूरी तरह पारदर्शिता लाना है। अब तक शिकायतें मिलती थीं कि अवकाश देने के दौरान पैसे की मांग और मनमानी की जाती थी। न्यू पुलिस लाइन में अवकाश को लेकर बवाल भी हो चुका है। इसकी वजह से अवकाश के पूरे प्रोसेस को ऑनलाइन कर दिया गया है। आवेदन करने वाले लोग ऑनलाइन तरीके से अपने एप्लीकेशन का स्टेटस भी जान सकेंगे।
मोबाइल फ्रेंडली नहीं हैं तो मैनुअली मिलेगी छुट्टी
एप्लीकेशन एप के जरिए अवकाश फाइल करने वाले पुलिसकर्मियों को नाम, ब्रास नंबर, पोस्ट, पोस्टिंग की जगह, कितने दिनों का अवकाश चाहिए, इसकी डिटेल सबमिट करनी होगी। एप्लीकेशन पर पटना पुलिस में तैनात हर एक पुलिसकर्मी की डिटेल होगी कि कब, किसने और किस प्रकार की छुट्टी ली है। सब कुछ पुलिस लाइन से अपडेट होगा। जो पुलिस वाले मोबाइल फ्रेंडली नहीं हैं, उनके लिए पहले की तरह मैनुअली छुट्टी देने की व्यवस्था रहेगी।
अवकाश स्वीकृत होते ही मोबाइल पर आएगा मैसेज
अवकाश स्वीकृत होते ही संबंधित पुलिस या पुलिस पदाधिकारी के मोबाइल पर मैसेज आ जाएगा। अवकाश कैंसिल होने पर मैसेज के जरिए कारण भी बताया जाएगा। एसएसपी की मानें तो यह व्यवस्था एक महीने के ट्रायल बेसिस पर चालू की गयी है। सफल रही तो इसे आगे भी जारी रखा जाएगा।