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पटना: स्वतंत्रता सेनानी की विधवा को एक बेड भी नसीब नहीं

चंपारण शताब्दी सत्याग्रह समारोह में स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने आयी स्वतंत्रता सेनानी की विधवा पत्नी को पटना के अस्पताल में एक बेड तक नसीब नहीं हुआ।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 22 Apr 2017 10:14 AM (IST)Updated: Sat, 22 Apr 2017 09:47 PM (IST)
पटना: स्वतंत्रता सेनानी की विधवा को एक बेड भी नसीब नहीं
पटना: स्वतंत्रता सेनानी की विधवा को एक बेड भी नसीब नहीं

 पटना [जेएनएन]।  पांच दिन पूर्व ही चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी समारोह में देशभर के आठ सौ से अधिक स्वतंत्रता सेनानियों को राज्य सरकार की ओर सम्मानित किया गया। वहीं दूसरी ओर, एक स्वतंत्रता सेनानी की विधवा राजधानी के एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक भटकती लेकिन कहीं भी उन्हें एक बेड नसीब नहीं हुआ। अंत में उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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गया के डुमरिया प्रखंड की मैगरा गांव के स्व. परमेश्वर सिंह की पत्नी दौलती देवी (92) की तबीयत कुछ दिनों से खराब चल रही है। शुक्रवार को स्थानीय चिकित्सकों ने उन्हें राजधानी के इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आइजीआइसी) में इलाज कराने की सलाह दी। परिजन उन्हें शुक्रवार को लगभग 11 बजे आइजीआइसी लेकर पहुंचे तो वहां के डॉक्टरों ने कहा कि बेड खाली नहीं है।

मरीज के परिजन कई डॉक्टरों से इलाज के लिए गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उनकी एक न सुनी और बेड न होने की बात कहते रहे। अंत में उनके परिजन मरीज को लेकर इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान पहुंचे। वहां भी उन्हें बेड नहीं मिला। यहां मरीज के परिजन अधीक्षक से लेकर डॉक्टर तक दौड़ते रहे।

स्वतंत्रता सेनानी के परिजन संस्थान के निदेशक से मिलने की कोशिश की तो बताया कि बैठक में है। अस्पताल के अधीक्षक भी बैठक में शामिल थे। किसी ने स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी के इलाज करने की कोशिश नहीं की। जब आइजीआइएमएस में मरीज का इलाज न हुआ तो परिजन उन्हें एक निजी अस्पताल में ले गए, जहां इलाज शुरू हुआ तो मरीज की जान बची। 

सरकार की ओर से किया गया था सम्मानित 

दौलती देवी के पोता मनीष कुमार का कहना है कि चंपारण सत्याग्रह समारोह के दौरान उन्हें सरकार द्वारा सम्मानित किया गया। वे किसी समारोह में तो शामिल नहीं हो सकी, उन्हें स्थानीय प्रखंड विकास अधिकारी ने घर पर ही सम्मानित किया।

उन्होंने सवाल उठाया कि एक तरफ सरकार स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित कर रही है, वहीं दूसरी ओर उनकी विधवाओं को इलाज के लिए एक बेड भी मुहैया नहीं कराई जा रहे हैं। यह उनका सबसे बड़ा अपमान है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री एवं मुख्यमंत्री से आग्रह किया राज्य के सभी अस्पतालों में स्वतंत्रता सेनानी एवं उनकी विधवाओं की इलाज की समुचित व्यवस्था की जाए। 

कहा- इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान के निदेशक ने

स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी दौलती देवी पूर्वाह्न 11 बजे अस्पताल में आई थीं। उस समय मैं अस्पताल के एक मरीज का एंजियोप्लास्टी कर रहा था। उसे छोड़कर बाहर नहीं निकल सकता था। एंजियोप्लास्टी करके बाहर निकला तो वे लोग मरीज को लेकर अस्पताल से जा चुके थे। अगर मरीज के परिजन उन्हें लेकर अस्पताल में आते हैं तो उनका समुचित इलाज की व्यवस्था की जाएगी। 

डॉ. एसएस चटर्जी, निदेशक, इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान  


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