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इंटर के बाद 'गायब' हो गए 2.5 लाख विद्यार्थी

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के ओएफएसएस पोर्टल के माध्यम से इस साल सूबे के 10 विश्वविद्यालयों में दाखिला होगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Jul 2018 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 17 Jul 2018 07:00 AM (IST)
इंटर के बाद 'गायब' हो गए 2.5 लाख विद्यार्थी
इंटर के बाद 'गायब' हो गए 2.5 लाख विद्यार्थी

पटना । बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के ओएफएसएस पोर्टल के माध्यम से इस साल सूबे के 10 विश्वविद्यालयों के कॉलेजों में स्नातक प्रथम वर्ष में नामांकन हो रहा है। कुल 4,11,826 अभ्यर्थियों ने नामांकन के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया है। जबकि सूबे में इस साल बिहार बोर्ड से 6,31,241 विद्यार्थी, सीबीएसई से 47,000 तथा आइसीएसई से 25,00 छात्र-छात्राएं 12वीं की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं। पटना विश्वविद्यालय में स्नातक प्रथम वर्ष में लगभग 2400 सीटों पर नामांकन हो चुका है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार लगभग 2.5 लाख विद्यार्थियों ने इंटर के बाद कहीं नामांकन लिया या आगे की पढ़ाई छोड़ दी, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है।

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तीनों बोर्ड को मिलाकर इस साल सूबे से लगभग 6,80,741 विद्यार्थी 12वीं की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के प्रोफेसर डॉ. एसपी सिन्हा के अनुसार हर साल सूबे से लगभग एक लाख परीक्षार्थी उच्च शिक्षा के लिए पलायन करते हैं। सबसे अधिक नामांकन दिल्ली विश्वविद्यालय और बनारस ¨हदू विश्वविद्यालय में लेते हैं। शिक्षा विभाग के पास हर साल कितने विद्यार्थी इंजीनिय¨रग, मेडिकल व अन्य कोर्स के लिए दूसरे राज्यों के शिक्षण संस्थानों में नामांकन लेते हैं, इसका आधिकारिक आंकड़ा नहीं है।

जोसा काउंसिलिंग के अनुसार आइआइटी, एनआइटी और अन्य सरकारी तकनीकी संस्थानों में नामांकन के लिए 2018 में सूबे से लगभग 4000 विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। वहीं, नीट की रैंकिंग के आधार पर लगभग हर साल 2500 विद्यार्थी मेडिकल कॉलेजों में नामांकन लेते हैं। सूबे के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में राज्य कोटे की लगभग एमबीबीएस की 850 सीटें हैं। जबकि 300 सीटें प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में हैं।

: इंटर में डेढ़ लाख ने नहीं कराया रजिस्ट्रेशन :

बिहार बोर्ड से 2018 में 12,07,975 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। सूबे में सीबीएसई से उत्तीर्ण विद्यार्थियों की संख्या लगभग 91,000 तथा आइसीएसई से 4500 छात्र-छात्राएं उत्तीर्ण हुए हैं। इनमें से सीबीएसई और आइसीएसई के स्कूलों में लगभग 50,000 विद्यार्थियों ने 12वीं में नामांकन लिया है। इस साल सूबे में इंटरमीडिएट की शिक्षा देने वाले बिहार बोर्ड से जुड़े सभी शिक्षण संस्थान ओएफएसएस के माध्यम से ही नामांकन लेंगे। बिहार बोर्ड के अनुसार 11वीं में नामांकन के लिए 11,02000 विद्यार्थियों ने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है। 10वीं की परीक्षा देने के बाद लगभग 1.5 लाख विद्यार्थियों ने पढ़ाई छोड़ी या दूसरे राज्यों में बेहतर शिक्षा के लिए पलायन किया इसका आधिकारिक आंकड़ा किसी के पास नहीं है।

ऑनलाइन के कारण भी कई विद्यार्थी छूटे :

बीडी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय कुमार का कहना है कि इस साल स्नातक में नामांकन की पूरी प्रक्रिया नए सिरे से ऑनलाइन होने के कारण भी कई विद्यार्थी वंचित हैं। शिक्षा विभाग के अनुसार 2016 में सूबे के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पांच लाख से अधिक विद्यार्थियों ने स्नातक प्रथम वर्ष में नामांकन लिया था। इसमें केवल 1.96 लाख मगध विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों से थे।

आंकड़े को लेकर संजीदा नहीं है विभाग :

डीयू के शिक्षक प्रो. एसपी सिन्हा के अनुसार सूबे का शिक्षा विभाग उच्च शिक्षा में छात्रों के पलायन या ड्रॉपआउट को लेकर संजीदा नहीं है। राज्य से कितने विद्यार्थी उच्च शिक्षा के लिए पलायन करते हैं और क्यों करते हैं, इस पर संजीदगी से कार्रवाई करने की दरकार है।

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ओएफएसएस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने वाले सभी विद्यार्थियों की जानकारी बोर्ड के पास उपलब्ध है। आगामी वर्षो में इसे और बेहतर किया जाएगा। 11वीं और स्नातक में नामांकन वाले सभी विद्यार्थियों का आंकड़ा अब एक क्लिक में ओएफएसएस सॉफ्टवेयर से मिल जाएगा।

- आनंद किशोर, अध्यक्ष, बिहार बोर्ड


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