किस्मत के फेर में बुरे फंसे दिग्विजय सिंह, दो जोड़ी कपड़ों में गुजारने पड़े तीन दिन
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कुछ घंटों के लिए पटना आए थे, लेकिन एक मुकदमा में सिलसिले में यहां तीन दिन गुजारने पड़े। ऐसे में वे परेशान हो गए। जानिए मामला।
पटना [अरुण अशेष]। आप इसे संयोग कह सकते हैं। या फिर विवाद और तनाव में रहने की फितरत भी मान सकते हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कहीं भी रहें, तनाव व विवाद साथ चलते हैं। ताजा मामला पटना का है। वे चंद मिनट ठहरने की योजना लेकर पटना आए थे, लेकिन तीन दिन रुकना पड़ा। मुश्किल कपड़ों को लेकर भी हुई। दो जोड़ी कपड़ों में तीन दिन गुजारना पड़ा। गनीमत रही कि तीसरे दिन किसी बुरे संयोग से पाला नहीं पड़ा और हंसी-खुशी पटना से विदा हो गए।
जानिए मामला
दिग्विजय सिंह बुधवार को अदालत में अवमानना के एक मामले में समन पाकर पटना आए। बाबा रामदेव के एक समर्थक ने हाजीपुर की कोर्ट में उनपर मानहानि का मामला दायर कर रखा है। पहले इसकी सुनवाई वहीं हो रही थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य में सांसदों-पूर्व सांसदों, विधायकों और पूर्व विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालत का गठन किया गया है। इसी की सुनवाई में बुधवार को वे पटना में एडीजे-9 की अदालत में हाजिर हुए।
सबकुछ सामान्य चल रहा था। जमानत के कागजात तैयार हो हो रहे थे। इतने में खबर आई कि एक वकील रत्नेश का निधन हो गया है। इसके बाद अदालत की कार्रवाई रोक दी गई।
अगली तारीख गुरुवार की तय हुई। दिग्विजय सिंह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा सहित अन्य समर्थकों के साथ अदालत परिसर में पहुंचे। एडीजे-9 की ओर उनके कदम बढ़ ही रहे थे कि उनके वकील ने यह दुखद सूचना दी कि एक और वकील हाशमी साहब का इंतकाल हो गया है। फिर अदालत की कार्यवाही नहीं चली।
दिग्विजय सिंह यकीन नहीं कर पा रहे थे कि शुक्रवार को जमानत मिल पाएगी। लेकिन, तीसरे दिन जमानत मिल गई।
दो जोड़ी कपड़ों में गुजारे तीन दिन
चश्मदीद बताते हैं कि गुरुवार को जब अदालती कार्रवाई नहीं हुई तो दिग्विजय सिंह सन्न रह गए। बोले- हमारी पीड़ा समझिए। दो जोड़ी कपड़े लेकर आया था। हमारे कपड़े देखिए। कितने गंदे हो गए हैं। वकील ने उन्हें दिलासा दिया कि कल सवेरे आ जाइए। संभव हो तो 10:25 बजे पहुंच जाइए। 10.30 बजे अदालत का काम शुरू होता है। पहला मामला आपका ही रहेगा। उन्हें बताया गया कि आम तौर पर दुखद सूचनाएं 11 बजे के बाद ही आती हैं। आपका काम इससे पहले ही हो जाएगा।
दिग्विजय सिंह यकीन नहीं कर पा रहे थे कि शुक्रवार को जमानत मिल पाएगी। लेकिन, किस्मत का साथ मिला और जमानत मिल गई।