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EXIT POLL: कुछ लोकसभा व विधानसभा चुनाव, जब धरे रहे गए थे सारे अनुमान ...जानिए

EXIT POLL एग्जिट पोल चुनाव परिणाम का संकेत देते रहे हैं। लेकिन कुछ अवसरों पर फेल भी हुए हैं। गत बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम भी इसका उदाहरण है।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 20 May 2019 07:19 PM (IST)Updated: Tue, 21 May 2019 11:09 PM (IST)
EXIT POLL: कुछ लोकसभा व विधानसभा चुनाव, जब धरे रहे गए थे सारे अनुमान ...जानिए
EXIT POLL: कुछ लोकसभा व विधानसभा चुनाव, जब धरे रहे गए थे सारे अनुमान ...जानिए

पटना [अमित आलोक]। लोक सभा चुनाव के बाद अब एग्जिट पोल का दौर है। सभी एग्जिट पोल (Exit Poll) बता रहे हैं कि अगली सरकार फिर राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की ही बनेगी। एग्जिट पोल की मानें तो बिहार में एनडीए दो तिहाई सीटों पर जीत दर्ज करेगी। लेकिन सवाल यह भी है कि क्या एग्जिट पोल हमेशा सही होते हैं? जवाब स्‍पष्‍ट है- एग्जिट पोल सर्वे के आधार पर चुनाव परिणाम के अनुमान हैं, ये गलत भी साबित होते रहे हैं। बिहार सहित देश में कई अवसरों पर एग्जिट पोल गलत साबित हुए हैं।
बिहार विधासभा चुनाव 2015: धरे रहे गए एग्जिट पोल के अांकड़े
एग्जिट पोल के फेल होने का बड़ा उदाहरण बिहार का गत विधानसभा चुनाव (2015) है। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में सभी एग्जिट पोल एनडीए की बढ़त दिखा रहे थे, लेकिन महागठबंधन ने जीत दर्ज की। एनडीए केवल 58 सीटों पर सिमट गई। दूसरी ओर जनता दल यूनाइटेड (JDU), राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) व कांग्रेस के महागठबंधन ने 178 सीटें जीतकर सरकार बनाई।
हालांकि, यह सरकार ज्‍यादा दिन नहीं चली और जेडीयू सुप्रीमो व मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का साथ छोड़ फिर एनडीए में चले गए।

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लोकसभा चुनाव 2004: अनुमान के विपरीत बनी यूपीए की सरकार
लोकसभा चुनाव की बात करें तो 2004 के लोक सभा चुनाव में सभी एग्जिट पोल एनडीए को 250 से अधिक सीटें दे रहे थे, लेकिन मिलीं केवल 189 सीटें। अनुमान के विपरीत संयुक्‍त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) ने 222 सीटें जीतीं। एग्जिट पोल के अनुमान के विपरीत यूपीए ने सरकार बनाई और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने।

लोकसभा चुनाव 2009: अनुमान रहे फेल, 159 पर सिमटा एनडीए
आगे 2009 के लोकसभा चुनाव में भी एग्जिट पोल के अनुमान धरे रहे गए। इस चुनाव में सभी एग्जिट पोल एनडीए व यूपीए में कांटे की टक्‍कर दिखा रहे थे। उनके अनुसार एनडीए व यूपीए को करीब-करीब बराबर सीटों के मिलने का अनुमान था, लेकिन यूपीए ने 262 सीटें हासिल की। उधर, एनडीए को केवल 159 सीटों से संतोष करना पड़ा।
दिल्‍ली व छत्‍तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में भी फेल रहे अनुमान
एग्जिट पोल के नतीजे केवल लोकसभा चुनावों या बिहार विधान सभा चुनाव में ही गलत साबित नहीं हुए। दिल्‍ली व छत्‍तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में भी फेल हो चुके हैं।
दिल्‍ली में 2015 के विधान सभा चुनाव में एग्जि‍ट पोल आम आदमी पार्टी (AAP) 31 से लेकर 53 सीटें तक देते दिख रहे थे, लेकिन उसे कुल 70 में से 67 सीटें मिलीं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 17 से 35 सीटें मिलने का अनुमान था, लेकिन उसे केवल तीन सीटें ही मिलीं। आम आदमी पार्टी ने दिल्‍ली में सरकार बनाई। अरविंद केजरीवाल मुख्‍यमंत्री बने।

हाल की बात करें तो बीते साल हुए छत्तीसगढ़ विधान सभा चुनाव में भी एग्जिट पोल में बीजेपी को करीब 40 तो कांग्रेस को करीब 46 सीटें मिलने का अनुमान था। लेकिन बीजेपी को केवल 15 सीटें ही मिलीं। अनुमान के विपरीत कांग्रेस 68 सीटें जीत गई।
अब चुनाव परिणाम के लिए 23 मई का इंजतार
ऐसा नहीं कि एग्जिट पोल हमेशा गलत साबित हुए हैं। संबंधित एजेंसियां इनके लिए वैज्ञानिक तरीके से आंकड़े एकत्र करता है। कुछ अवसरों पर ये भले ही फेल हो गए हों, लेकिन इनसे चुनावी नतीजों का अनुमान तो मिलता ही रहा है। हालांकि, अंतिम परिणाम तो 23 मई को मतगणना के बाद ही पता चलेगा।

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