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Bengal Election: ममता की नजर में बिहार-यूपी के लोग गुंडे, नंदीग्राम में दोहराई वही बात; PM नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं विरोध

West Bengal Assembly Election 2021 पश्चिम बंगाल के चुनाव में ममता बनर्जी लगातार बिहार और यूपी से बाहरी गुंडे बुलाए जाने का आरोप भाजपा पर लगा रही हैं। इसका बंगाल में रहने वाले दूसरे प्रदेश के लोगों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Tue, 30 Mar 2021 08:21 AM (IST)Updated: Tue, 30 Mar 2021 11:51 AM (IST)
Bengal Election: ममता की नजर में बिहार-यूपी के लोग गुंडे, नंदीग्राम में दोहराई वही बात; PM नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं विरोध
ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। फाइल फोटो

पटना, बिहार ऑनलाइन डेस्कWest Bengal Assembly Election 2021: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बिहार और बिहारी लोगों की चर्चा खूब है। भाजपा को उम्मीद है कि बंगाल में रहने वाले बिहार और यूपी के लोग उसका साथ देंगे। इसके पीछे दो वजहें हैं। पहली वजह यह है कि इन दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकार है। इन दोनों ही राज्यों में बीजेपी को अच्छे-खासे वोट मिले हैं। और दूसरी वजह यह है कि ममता बनर्जी जाने-अनजाने लगातार बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों की भावनाएं आहत कर रही हैं। ममता ने आरोप लगाया है कि बीजेपी लगातार यूपी और बिहार से गुंडा तत्‍वों को बुला रही है। यह सिलसिला तो अक्टूबर-नवंबर से ही जारी है। 

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बिहार और यूपी के गुंडों से हमला कराने का आरोप

शुरुआत में ममता बंगाल में यूपी से गुंडे लाने की बात कहती रही रहीं। अब वे कह रही हैं कि भाजपा बिहार और यूपी से गुंडे लाकर बंगाल का चुनाव प्रभावित करना चाहती है। सोमवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा की नंदीग्राम विधानसभा सीट के लिए चुनाव प्रचार के क्रम में ममता ने यही बात दोहराई। ममता ने कहा कि नंदीग्राम के किसी व्यक्ति ने उन पर हमला नहीं किया। उन पर हमला करने के लिए भाजपा वाले यूपी और बिहार से गुंडे लेकर आए थे। ममता ने कहा कि अगर वे लोग दिखते हैं तो महिलाओं को उन्हें बर्तनों से पीटना चाहिए। 

भाजपा को ममता के बयानों से फायदा

ममता बनर्जी की ओर से लगातार दिए जा रहे ऐसे बयान हिंदी भाषियों का वोट तृणमूल कांग्रेस से दूर कर सकते हैं और ममता के बयानों से ऐसा लगता है कि शायद उन्हें इसकी फिक्र भी नहीं है। भाजपा ममता के इन बयानों का सियासी फायदा उठाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। भाजपा की ओर से बिहार और यूपी के लोगों को यह संदेश बार-बार पहुंचाया जा रहा है कि ममता उन्हें पसंद नहीं करती हैं। इससे पहले बांकुड़ा जिले के विष्णुपुर में रैली को संबोधित करते हुए ममता ने कहा था कि वे वर्षों से बंगाल में रह रहे दूसरे राज्यों के लोगों पर बाहरी होने का ठप्पा नहीं लगाती हैं। उन्होंने कहा था कि पान मसाला खाने वाले और तिलक लगाने वाले लोगों को खास तौर पर चुनाव से पहले बंगाल लाया गया है। उन्होंने कहा था कि ये गुंडे यूपी जैसे राज्यों से लाए गए हैं। यही लोग बंगाल के लिए बाहरी गुंडे हैं। 

बाहरी गुंडों के मसले पर प्रधानमंत्री भी बोल चुके

बंगाल के चुनाव में बाहरी गुंडों के मसले पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बोल चुके हैं। प्रधानमंत्री ने ममता के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर की धरती पर रहने वाला कोई भी भारतीय बाहरी हो ही नहीं सकता है। ममता की ओर से लगातार बाहरी गुंडों का जिक्र किए जाने से पश्चिम बंगाल में रहने वाले अन्य प्रांतों के सभी लोगों में एक खास तरह की भावना पनप रही है, जिसका असर चुनाव में देखने को मिल सकता है। 

पश्चिम बंगाल में बिहारियों की अच्छी तादाद

पश्चिम बंगाल रोजगार के लिए काफी लंबे समय से बिहार और यूपी के लोगों का पसंदीदा ठिकाना रहा है। आजादी से पहले और आजादी के कई दशक बाद तक बिहार के लोग रोजगार के लिए सबसे ज्यादा बंगाल ही जाते थे। ऐसे कई लोग बंगाल में ही बस गए। बंगाल में हजारों ऐसे बिहारी हैं, जिनकी पीढ़ियां बंगाल में ही रहीं और पली-बढ़ीं।

तेजस्वी यादव को भी नहीं दिया भाव 

ममता बनर्जी ने बिहार में भाजपा के धुर विरोधी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को भी भाव नहीं दिया। तेजस्वी अपनी पार्टी आरजेडी को बंगाल में भी चुनाव लड़ना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने तमाम कोशिशें की, लेकिन ममता की पार्टी शायद उन्हें कोई सीट देने को तैयार नहीं हुई। हालांकि तेजस्वी ने बंगाल चुनाव में ममता को समर्थन का एलान किया हुआ है, लेकिन यह गौर करने वाली बात है कि पश्चिम बंगाल की चुनावी सभाओं में कोई रुचि नहीं दिखाई है। इसके उलट असम में जहां राजद, कांग्रेस के साथ गठबंधन करते हुए केवल एक सीट पर चुनाव लड़ रहा है, वहां तेजस्वी ने कई चुनावी सभाएं पहले चरण के मतदान से पहले की हैं।


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