सच्चाई दिखाने के नाम पर अश्लीलता, क्राइम दिखा रही वेब सीरीज
वेब सीरीज, दुनिया का जंक फूड हैं।
वेब सीरीज, दुनिया का जंक फूड हैं। इससे इंसानी मन उसी रूप से प्रभावित होता है, जैसा जंक फूड खा कर इंसान का शरीर हो जाता है। मानव प्रजाति आज पतन की ओर जा रही है, जिसमें थोड़ा योगदान वेब सीरीज का भी है। ये बातें सिने मर्मज्ञ डॉ. शंभु कुमार सिंह ने पाटलिपुत्र सिने सोसाइटी के विमर्श कार्यक्रम 'वेब सीरीज - अश्लीलता की कीमत पर सच्चाई' पर बोलते हुए विश्व संवाद केंद्र के सभागार में कहीं। कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की निदेशक मीना कुमारी ने किया। कुमारी ने कहा कि संयुक्त परिवार की अवधारणा टूट रही है। एकल परिवार में संस्कार का संचार सही रूप से नहीं हो पा रहा है। कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के सचिव वियोगी ने कहा कि वेब सीरीज बच्चों तक घर के सदस्यों के जरिए ही पहुंच रही है। पहले हमें सुधरना होगा, तब हम अपने बच्चों को इसके बारे में समझा सकते हैं। समाजसेवी नरेंद्र कुमार ने कहा कि वेब सीरीज आज सच्चाई दिखाने के नाम पर अश्लीलता, क्राइम और गलत चीज दिखाने का काम कर रही हैं। वेब सीरीज दिखाने वाले को सिर्फ अपना अर्थोपार्जन करने से मतलब है। विश्व संवाद के संजीव कुमार ने संवाद केंद्र और पाटलिपुत्र सिने सोसाइटी की गतिविधियों से अवगत कराया। विमल जैन ने कहा कि इंटरनेट ने आज की पीढ़ी में ज्ञान का संचार तो किया है पर इसी ने भावनाहीन बना दिया। मंच का संचालन फिल्मकार प्रशांत रंजन ने किया। मौके पर लेख्य मंजूषा की अध्यक्ष विभा रानी श्रीवास्तव, राजेश कुमार पांडेय, डॉ. संजय कुमार, अभिलाष दत्त, पटना विवि के प्रोफेसर डॉ. गौतम कुमार आदि मौजूद थे।