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बाढ से बिहार में त्राहिमाम : गंगा का जलस्तर फिर से बढा, लोगों की बढी चिंता

गंगा का जलस्तर फिर से बढने के कारण जहां एक ओर लोगों की चिंता बढ गयी है। वहीं प्रशासन को भी गंगा ने सकते में डाल दिया है। बाढ से बारह जिले प्रभावित हैं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 24 Aug 2016 09:21 AM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2016 07:31 PM (IST)
बाढ से बिहार में त्राहिमाम  : गंगा का जलस्तर फिर से बढा, लोगों की बढी चिंता
बाढ से बिहार में त्राहिमाम : गंगा का जलस्तर फिर से बढा, लोगों की बढी चिंता

पटना [वेब डेस्क]। बिहार में बारह जिलों में बाढ़ से हालात खराब हैं। गंगा का जलस्तर एक बार फिर से बढने लगा है। पिछले रिकॉर्ड जलस्तर से 12 सेमी ऊपर बह रही गंगा ने लोगों की बेचैनी बढा दी है, वहीं प्रशासन की भी चिंता बढ गई है। पिछले बारह घंटों में नदी का जलस्तर सात सेंटीमीटर बढा हुआ रिकॉर्ड किया गया।

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जहां रविवार से गंगा का जलस्तर घटना शुरू हो गया था वहीं सोन नदी पर पानी के बढते दबाव का असर गंगा पर भी पड़ने लगा है और नदी का जलस्तर फिर बढने लगा है। पटना के गांधीघाट पर गंगा का जलस्तर 50.19 मीटर पंहुच गया है वहीं भागलपुर में भी रिकॉर्ड जलस्तर बना रही गंगा का पानी 34.62 मीटर पर पहुंच गया है।

लखीसराय में करंट से मची अफरातफरी में पलटी नाव, दो डूबे

लखीसराय जिले के पिपरिया प्रखंड क्षेत्र में बुधवार को विद्युत तार में बांस के स्पर्श हो जाने से नाविक को करंट लग गया। इस कारण नाव पर सवार लोगों में अफरातफरी मच गयी और नाव पलट गई। नाव पर 12 लोग सवार थेl दो लोगों की डूबकर मौत हो गई। नाव मुड़वडिया से मालपुर दियारा जा रही थी। नाविक का इलाज किया जा रहा है।

औरंगाबाद में नाव पलटने से एक की मौत, छह लापता

औरंगाबाद में पुनपुन नदी में मंगलवार को एक नाव पलटने से एक महिला की मौत हो गई जबकि नौ लोग लापता हो गए। जिला प्रशासन के मुताबिक, नाव पर 18 लोग सवार थे, जिनमें दो बच्चे भी शामिल हैं, इनमें से 8 लोग तैरकर निकलने में कामयाब रहे। यह हादसा औरंगाबाद के ओबरा ब्लॉक में हुआ है। लापता लोगों की तलाश अब भी जारी है।

बाढ से 23 लाख की आबादी प्रभावित

बिहार में बाढ़ से अब तक 22 लोगों की मौत हुई है जबकि 23 लाख से ज़्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। सबसे ज़्यादा भोजपुर में 12 लोगों की मौतें हुई हैं। इसके अलावा वैशाली में छह, भागलपुर में दो, बक्सर और लखीसराय में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। राज्य के 12 ज़िले बाढ़ प्रभावित हैं। राहत और बचाव कार्य में सेना और एनडीआरएफ की टीमें जुटी हुई हैं।

सीमांचल में रौद्र रूप दिखा रही गंगा

भागलपुर, लखीसराय, मुंगेर और खगडिय़ा समेत सीमांचल के कटिहार में गंगा अपना रौद्र रूप दिखा रही है। इस कारण सैकड़ों गांव प्रभावित हुए हैं। नावों की मुकम्मल व्यवस्था नहीं है। शिविरों में सुविधा नहीं है। हजारों लोग बाढ़ में फंसे हैं। उन्हें अब तक सुरक्षित ठिकाना नहीं मिला है। पर्याप्त मदद न मिलने से पीडि़तों में उबाल है।

भागलपुर में गंगा खतरे के निशान से 110 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। यहां अकबरनगर-शाहकुंड स्टेट हाइवे-85 कट गया है। यातायात पूरी तरीके से बंद हो गया है। सब्जियों की खेती बर्बाद होने से आवक बंद हो गई है।

खगडिय़ा के गोगरी-नारायणपुर तटबंध पर खतरा मंडरा रहा है।

हवेली खडग़पुर का मुंगेर मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो गया है। एनएच पर कल्याणपुर के समीप दो किलोमीटर और रघुनाथपुर में एक किलोमीटर तक बाढ़ का पानी चढ़ आया है। यहां वाहनों का परिचालन रोक दिया गया है। पिछले छह दिनों से बाढ़ का प्रकोप झेल रहे पीडि़तों का गुस्सा अब फूट रहा है। बरियारपुर में राहत की मांग को लेकर पीडि़तों ने सड़क और रेल ट्रैक जाम कर दिया।

खगडिय़ा-भागलपुर के सीमा क्षेत्र पर स्थित खारा धार स्लूइस के पास गंगा उच्चस्तम स्तर से 22 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। जलस्तर में वृद्धि व वेब वास के कारण 51 किलोमीटर लंबे गोगरी-नारायणपुर तटबंध पर खतरा है। दूसरी ओर मानसी के जालिम बाबू टोला के बाढ़ पीडि़तों ने मंगलवार की सुबह राहत को लेकर एनएच-31 को जाम कर दिया।

कटिहार में गंगा और कोसी दोनों उफान पर है। इस कारण मनिहारी, अमदाबाद, बरारी व कुर्सेला प्रखंड क्षेेत्रों में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। बरारी में गंगा अपने उच्चतम स्तर तक पहुंचने जा रही है। चारों प्रखंडों के चार दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।

भागलपुर में गंगा से छह लाख लोग व दो लाख से अधिक पशु बाढ़ से प्रभावित हैं। अकबरनगर-शाहकुंड स्टेट हाइवे पर गाडिय़ों का परिचालन बंद हो गया है। एनएच-80 पर पानी तीन फीट ऊपर बह रहा है। 210 सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई ठप है। यहां पशुओं को चारा नहीं मिल रहा है। दूध के उत्पादन में भारी कमी आई है। संपर्क पथ भंग होने से भागलपुर से कहलगांव व सुल्तानगंज तक राहत सामग्री भेजना मुश्किल हो गया है।

जहानाबाद के निचले इलाके डूबे

जहानाबाद में शहर के बीच से होकर गुजरने वाली फल्गू दरधा,बलदईया तथा मोरहर में उफान के कारण एक ओर जहां जहानाबाद का नालंदा तथा अरवल जिले का सड़क संपर्क भंग हो गया है वहीं रतनी फरीदपुर प्रखंड के दर्जनों गांवों में लगी धान फसल पानी में डूब गया है।

इधर प्रशासन द्वारा फल्गू तथा दरधा नदी के किनारे बसे गांवों में रहने वाले लोगों को विशेष सतर्कता बरते जाने का आग्रह किया जा रहा है। 10दिनों के भीतर इन नदियों में लगातार तीसरी बार उफान आने के कारण तटीय इलाके में बसे गांवों के लोगों में दहशत का वातावरण कायम हो गया है।

सारण में नदियां मचा रहीं तबाही

गंगा और घाघरा का जल स्तर बढ़ने से छपरा का सड़क संपर्क पटना, बलिया, वाराणसी से कट गया है। बाढ़ का पानी छपरा के नए इलाकों में भी घुसने लगा है। छपरा से सिवान सहित यूपी को जाने वाली सड़क एनएच 85 पर बाढ़ का पानी 1 फीट से ज़्यादा चढ़ गया है, जिसके कारण यातायात काफी प्रभावित हुआ है। जिले में आयी बाढ़ के कारण छह प्रखंडों के करीब पांच लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित हो गई है।

मंगलवार की सुबह से नदियों के जलस्तर में फिर वृद्धि होने लगा है। जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ पीडि़तों के बीच राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है। डीएम दीपक आनंद एवं एसपी पंकज कुमार राज ने सोनपुर प्रखंड के बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। बाढ़ पीडि़तों के लिए जिले में दस राहत शिविर चलाया जा रहा है। बाढ़ को देखते हुए डीएम ने सभी प्रभावित अंचलों में दो-दो अधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया है ताकि राहत एवं बचाव कार्य तेजी से किया जा सके।

डीएम ने बाढ़ से हुई फसलों की क्षति का भी सर्वे कर किसानों को मुआवजा देने का आदेश दिया है। छपरा -पटना एनएच 19 व छपरा-रिविलगंज एनएच पर अभी भी कई स्थानों पर पानी बह रहा है। वहीं छपरा सिवान पथ पर मेथवलिया से देवरिया तक पानी बह रहा है।

जलालपुर के अशोक नगर स्थित तेल नदी पर बांध टूट जाने से कई गांव जलमग्न हो गए। अब बाढ़ का प्रकोप जिले के उत्तर दिशा में बढऩे लगा है। दरियापुर, अमनौर, परसा आदि प्रखंड भी प्रभावित होने लगे हैं।वहीं बाढ़ में प्रभावित ग्रामीणों का आरोप है कि अभीतक प्रशासन की तरफ से इनलोगों तक को मदद नहीं पहुंची है।

वैशाली के कई इलाके जलमग्न

गंगा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ जाने से वैशाली के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं वहीं सोनपुर अनुमंडल के नयागांव बाजार, रेलवे स्टेशन परिसर, रसुलपुर, गोपालपुर, महदलीचक, शेखडुमरी, बाजितपुर, हसनपुर, शोभेपुर, बभनगांवा और डुमरी बुजुर्ग की जनता बुरी तरह प्रभावित है।आम आदमी के अलावे मवेशी के लिए चारा की समस्या उत्पन्न हो गई है। खेतों में लगी फसल भी बाढ़ की पानी में डूब चुकी है।

हाजीपुर-छपरा एनएच 19 पर नयागांव बाजार, रसुलपुर, गोपालपु, शेखु डुमरी आदि स्थानों पर गंगा नदी का पानी बह रहा है। चार दिन पूर्व सोनपुर बीडीओ प्रशांत कुमार उक्त गांव का दौरा किया था, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर मंगलवार की दोपहर तक किसी प्रकार का राहत सामग्री का वितरण नहीं हो पाया था। बाढ़ पीडि़तों में प्रशासनिक अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि के प्रति काफी आक्रोश है।


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